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इंडो-नेपाल सीमा पर लगातार मानव तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहते हैं। इसी कड़ी में भारत-नेपाल बॉर्डर के जयनगर चेकपोस्ट से सटे इलाके में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 48वीं वाहिनी के जवानों ने दो मानव तस्करों को धर दबोचा है।

गिरफ्तार किए गए तस्करों के पास से 12 नाबालिग और एक बालिग युवक को मुक्त कराया गया है, जिन्हें अवैध रूप से नेपाल से भारत लाया जा रहा था। यह कार्रवाई जयनगर बीओपी के बलदिया चेक पोस्ट पर की गई, जो इंडो-नेपाल सीमा स्तंभ से करीब 30 मीटर भारत की ओर स्थित है। नियमित जांच के दौरान एसएसबी जवानों को संदिग्ध गतिविधियां दिखीं, जिसके बाद उन्होंने पूछताछ कर तस्करों की सच्चाई उजागर कर दी।

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गिरफ्तार मानव तस्करों और मुक्त कराए गए सभी बच्चों को अग्रिम विधिक कार्रवाई के लिए स्थानीय जयनगर पुलिस को सौंप दिया गया है। अब इन सभी मामलों की जांच आगे पुलिस करेगी और यह पता लगाया जाएगा कि बच्चों को कहां और किस उद्देश्य से ले जाया जा रहा था।


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में मानव तस्करी के पीछे कई वजहें होती हैं। इसमें सबसे प्रमुख कारण हैं – जबरन श्रम, यौन शोषण, अवैध अंग व्यापार, बाल विवाह और गरीबी। खासकर सीमावर्ती इलाकों में ये घटनाएं ज्यादा देखी जाती हैं, जहां लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर होती है।

तस्कर अक्सर लोगों को बेहतर जीवनशैली, अच्छी नौकरी और विदेशों में काम का लालच देकर बहला-फुसला लेते हैं। ये झूठे वादे बच्चों और उनके परिवारों को इस कदर प्रभावित कर देते हैं कि वे तस्करों की बातों में आ जाते हैं और शिकार बन जाते हैं। कई बार परिवार जानबूझकर भी गरीबी के चलते बच्चों को ऐसे लोगों के हाथों सौंप देते हैं, जो उन्हें सुरक्षित जीवन देने का वादा करते हैं लेकिन बाद में उन्हें नरक जैसी जिंदगी मिलती है।



एनसीआरबी की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में मानव तस्करी के कुल 2,250 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना में सामने आए, जहां 391 केस दर्ज हुए। बिहार इस सूची में तीसरे नंबर पर रहा, जहां 260 मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़े बताते हैं कि यह समस्या सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुकी है


भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवान लगातार सतर्कता बरत रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि “भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी जैसी अमानवीय गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एसएसबी के जवान हर समय अलर्ट मोड पर रहते हैं। हमारी टीम हर आने-जाने वाले पर बारीकी से नजर रखती है और संदिग्ध गतिविधियों को गंभीरता से लेती है। यही वजह है कि समय रहते तस्करों को गिरफ्तार कर बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सका।

यह घटना न सिर्फ सुरक्षा बलों की तत्परता को दर्शाती है बल्कि यह भी दिखाती है कि मानव तस्करी जैसी बुराई अभी भी हमारी सीमाओं पर सक्रिय है। जरूरत है कि आम लोग भी जागरूक हों, बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आएं और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस या सीमा बलों को दें। साथ ही, प्रशासन को भी सीमावर्ती इलाकों में सामाजिक-आर्थिक सुधार की दिशा में गंभीर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि तस्कर कमजोर वर्गों को शिकार न बना सकें।

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