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भागलपुर जिले के विक्रमशिला सेतु पर शुक्रवार की सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जब दो बसें आमने-सामने टकरा गईं। इस टक्कर में करीब 30 यात्री घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई, वहीं स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाई।

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा सुबह के समय हुआ जब एक बस कटिहार से भागलपुर की ओर आ रही थी और दूसरी बस भागलपुर से अररिया जा रही थी। बताया जा रहा है कि ओवरटेक करने के प्रयास में दोनों बसें आमने-सामने टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बसों का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टक्कर के बाद यात्रियों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा।

स्थानीय ग्रामीणों ने बिना देर किए मदद के लिए आगे बढ़ते हुए घायलों को बस से बाहर निकाला। इसके बाद 108 एंबुलेंस सेवा को सूचना दी गई और सभी घायलों को नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल सूत्रों की मानें तो सभी घायलों की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है और उनका इलाज जारी है।

घटना की जानकारी मिलते ही परबत्ता थानाध्यक्ष शंभू पासवान के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त बसों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर गलती किसकी थी और क्या बसों की स्पीड या लापरवाही इस दुर्घटना का कारण बनी।

इस हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विक्रमशिला सेतु पर अक्सर वाहनों की तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इसके बावजूद इस पुल पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं की गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि विक्रमशिला सेतु पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न तो ट्रैफिक पुलिस की तैनाती रहती है और न ही सीसीटीवी कैमरों की निगरानी। यदि समय रहते इन जरूरी कदमों को उठाया गया होता, तो शायद इस हादसे को टाला जा सकता था।

फिलहाल घायल यात्रियों का इलाज जारी है और पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। प्रशासन की ओर से भी मामले को गंभीरता से लिया गया है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे।

यह हादसा न सिर्फ पीड़ित परिवारों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि सड़कों पर लापरवाही भारी पड़ सकती है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना अब समय की मांग बन चुकी है।

 

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