भागलपुर, 21 मई: जीवन जागृति सोसायटी द्वारा सड़क सुरक्षा और बाल सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सोमवार को मनाली चौक, भागलपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन के अंतर्गत 20 बच्चों को नि:शुल्क हेलमेट वितरित किए गए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति प्रेरित करना था।
इस अवसर पर यातायात पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) श्री आशीष कुमार सिंह ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने स्वयं बच्चों को हेलमेट पहनाकर उनके अंदर सुरक्षा की भावना को सशक्त किया। डीएसपी श्री सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क पर चलने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करे और खुद के साथ-साथ अपने बच्चों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को शुरू से ही हेलमेट पहनने की आदत डालें ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं से होने वाली हानियों को रोका जा सके।
सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है, ताकि बच्चे शुरुआत से ही सुरक्षित यात्रा की अहमियत को समझें और हेलमेट पहनने की आदत विकसित करें।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया। लोगों ने इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समय की आवश्यकता हैं और इनसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है।
इस अवसर पर सोसायटी के उपाध्यक्ष डॉ. सतेंद्र कुमार, सदस्य डॉ. विकास गेन, सचिव सोमेश यादव, कॉम्प्लेक्स सिनेमा के मैनेजर अनूप यादव, सामाजिक कार्यकर्ता आभा पाठक एवं राज सिंह भी उपस्थित थे। सभी ने इस सामाजिक प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सचिव सोमेश यादव ने सभी उपस्थित अतिथियों, बच्चों और अभिभावकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि समाज के सहयोग से ही हम एक सुरक्षित और जिम्मेदार नागरिक समाज का निर्माण कर सकते हैं।
इस जागरूकता कार्यक्रम ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि “हेलमेट है सुरक्षा की ढाल”, और इसे अपनाकर ही हम अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
