बिहार के भागलपुर और मुंगेर में गंगा नदी उफान पर है। भागलपुर के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं मुंगेर में कटान जारी है। दोनों ही जगहों पर दियारा इलाके के ग्रामीण विस्थापित होने लगे हैं।
भागलपुर/ मुंगेर : बिहार के मुंगेर और भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुंगेर में रविवार को गंगा का जलस्तर 38.58 मीटर रहा। खतरे के निशान 39.33 मीटर से महज 75 सेमी नीचे गंगा बह रही है। केंद्रीय जल आयोग के सुरेश चौधरी ने बताया कि अगले कुछ दिन जलस्तर बढ़ेगा। एक से डेढ़ घंंटे के बीच एक सेमी जलस्तर बढ़ रहा है। सदर प्रखंड और बरियारपुर प्रखंड का दियारा इलाके में गंगा का पानी फैल गया है। अब धरहरा प्रखंड की हेमजापुर पंचायत सहित कई गांवों में गंगा का पानी प्रवेश कर रहा है। जल स्तर बढ़ने के साथ ही गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता अचानक बढ़ गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को पता है कि जब भी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो बड़े पैमाने पर गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को भारी क्षति होती है।
जान-माल का भी काफी नुकसान होता है। दो दिनों से जिस तरह से जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है, इससे बाढ़ आने की संभावना दिख रही है। धरहरा प्रखंड की तीन पंचायत हेमजापुर बाहाचौकी और शिवकुंड गांव के बिल्कुल करीब पहुंच चुकी है। स्थिति यह बन गई है कि गंगा अब गांव में घुसने को बेताब सी दिख रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह से गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होती रही तो वह दिन दूर नहीं, जब गंगा नदी का पानी पूरे गांव में घुस जाएगा।
हेमजापुर ओपी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित तीन पंचायतों में गंगा नदी सुरक्षा बांध को पार कर चुकी है। सबसे पहले दुर्गापुर गांव और रामनगर नवटोलिया गांव के निचले वाले इलाके से गंगा गांव में प्रवेश करती है। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे गांव में बाढ़ का पानी फैल जाता है। गंगा नदी सुरक्षा बांध को पार कर चुकी है और अब लोगों के जेहन में बाढ़ की चिंता समाने लगी है। यहां बता दें कि बाढ़ रोकने के लिए तीन पंचायतों में अलग-अलग जगहों पर कई सुरक्षा बांध बनाए गए हैं। जब भी बाढ़ आती है तो यह सुरक्षा बांध को पार कर जाती है।
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वही भागलपुर के गंगा के दियारा इलाके में खेती करने वाले किसान अब अपने पशुओं को लेकर अपने अपने गांव की ओर लौटने के प्रयास में जुट गए हैं। सर्वाधिक चिंता चांद टोला के लोगों को हो रही है, क्योंकि उन लोगों की लाखों-करोड़ों की फसल गंगा नदी में समाने की बारी आ चुकी है। पूर्व पंचायत समिति सदस्य रामअवतार महतो, सरपंच तीतु महतो, रुदल महतो, रामा वरण महतो सहित कई किसानों ने बताया कि प्रत्येक साल उन लोगों की फसल बाढ़ में डूब जाती है लेकिन उन लोगों को फसल छाती पूर्ति नहीं मिल पाती।
विभाग की है नजर
जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी और धरहरा अंचलाधिकारी लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखे हुए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच संपर्क बनाए हुए हैं। मुंगेर में अंचलाधिकारी पूजा कुमारी ने बताया कि अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन पूरी तरह से नजर रखी जा रही है। संबंधित क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को अलर्ट कर दिया गया है। विशेष परिस्थिति के लिए कई नौकाओं को निबंधित भी किया गया है। संबंधित पाठ प्रभावित क्षेत्र में गोताखोरों को घाटों पर विशेष रूप से निगरानी के लिए रखा गया है।