## **मंजूषा पेंटिंग में झलकेगी भागलपुर की कला और संस्कृति** 

भागलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 फरवरी को प्रस्तावित आगमन को लेकर तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर अंग जनपद की समृद्ध कला और संस्कृति की झलक प्रधानमंत्री को भेंट की जाएगी। प्रसिद्ध मंजूषा कलाकार **कौशल किशोर** ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक विशेष **मंजूषा पेंटिंग** तैयार की है, जिसमें भागलपुर और उसके आसपास के क्षेत्र की प्रमुख धरोहरों और विकास योजनाओं को दर्शाया गया है। यह पेंटिंग **जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग** प्राप्त मंजूषा कला शैली में बनाई गई है, जो इस क्षेत्र की अनूठी विरासत को दर्शाती है। 

## **मंजूषा पेंटिंग – अंग जनपद की पहचान** 
मंजूषा पेंटिंग बिहार की लोक कलाओं में विशेष स्थान रखती है। इसे **”अंग क्षेत्र की चित्रकला”** भी कहा जाता है। यह कला प्राचीन काल से ही भागलपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रचलित रही है। मंजूषा पेंटिंग की विशेषता यह है कि इसमें पौराणिक कथाओं, धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक धरोहरों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें विशेष प्रकार की रेखाएँ, रंग संयोजन और पारंपरिक प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। 

## **प्रधानमंत्री मोदी को दी जाने वाली विशेष पेंटिंग की खासियत** 
मंजूषा कलाकार कौशल किशोर द्वारा बनाई गई इस विशेष पेंटिंग में भागलपुर और अंग जनपद के ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों प्रकार की धरोहरों का समावेश किया गया है। इस पेंटिंग में **धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, प्राकृतिक संसाधनों और हाल ही में किए गए विकास कार्यों** को खूबसूरती से उकेरा गया है। 

### **पेंटिंग में दर्शाए गए प्रमुख स्थल और धरोहरें:** 

1. **अजगैबीनाथ मंदिर, गंगाधाम सुल्तानगंज** – यह मंदिर भागलपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जो शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। 
2. **सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल** – यह पुल क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यातायात को सुगम बनाएगा। 
3. **गांगेय डॉलफिन सेंचुरी** – यह सेंचुरी भारत में डॉलफिन संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। इसे **राष्ट्रीय जलजीव गंगा डॉलफिन** का प्राकृतिक आवास माना जाता है। 
4. **कतरनी धान** – भागलपुर की पहचान माने जाने वाले कतरनी चावल को भी इस पेंटिंग में स्थान दिया गया है। यह चावल अपनी सुगंध और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है और इसे जीआई टैग प्राप्त है। 
5. **भागलपुर का सिल्क उद्योग** – इस क्षेत्र का सिल्क उद्योग देशभर में प्रसिद्ध है, जिसे इस पेंटिंग में दर्शाया गया है। 
6. **जर्दालू आम** – भागलपुर का जर्दालू आम भी जीआई टैग प्राप्त एक विशेष आम की किस्म है, जिसे देश-विदेश में निर्यात किया जाता है। 
7. **कहलगांव थर्मल पावर प्लांट** – यह बिहार का प्रमुख बिजली उत्पादन केंद्र है, जिसने राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
8. **पीरपैंती का कोयला ब्लॉक** – हाल ही में इस क्षेत्र में कोयला ब्लॉक की खोज की गई है, जो ऊर्जा उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। 
9. **विक्रमशिला बौद्ध महाविहार** – यह प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा और तक्षशिला के समकक्ष माना जाता है। इसकी ऐतिहासिक विरासत को पेंटिंग में दर्शाया गया है। 
10. **बटेश्वर नाथ मंदिर** – यह मंदिर भी इस क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। 
11. **गंगा नदी पर बनने वाला कटरिया रेल पुल** – यह पुल भागलपुर को रेलवे नेटवर्क से और अधिक मजबूती से जोड़ने का कार्य करेगा। 
12. **विलुप्त होती गरुड़ प्रजाति की सेंचुरी** – गरुड़ पक्षी की प्रजनन स्थली को भी इस पेंटिंग में दिखाया गया है, जिससे इस क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षण देने का संदेश दिया गया है। 
13. **ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट भागलपुर** – हाल ही में घोषित यह परियोजना भागलपुर को हवाई यातायात से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 
14. **अंतर्देशीय जलमार्ग** – गंगा नदी के माध्यम से जल परिवहन को बढ़ावा देने की योजना को भी इस पेंटिंग में चित्रित किया गया है। 

## **प्रधानमंत्री को समर्पित है यह पेंटिंग** 
मंजूषा कलाकार कौशल किशोर ने कहा कि यह पेंटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित है। उन्होंने बताया कि यह पेंटिंग पिछले वर्ष के आम बजट और इस बार के बजट में भागलपुर को मिलने वाली सौगातों को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा, **”इस पेंटिंग के माध्यम से मैंने भागलपुर की समृद्धि, इसकी विरासत और विकास योजनाओं को एक साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। यह सिर्फ एक चित्रकला नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की आत्मा का प्रतीक है।”** 

## **मंजूषा कला को बढ़ावा देने की पहल** 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंजूषा पेंटिंग भेंट किया जाना इस कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मंजूषा कलाकारों का मानना है कि इस तरह की पहल से इस पारंपरिक कला को संरक्षित करने और इसे विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करने में सहायता मिलेगी। 

कौशल किशोर ने यह भी बताया कि **”भागलपुर की मंजूषा कला को और अधिक पहचान दिलाने के लिए सरकार को और कदम उठाने चाहिए। इस कला को स्कूलों और कॉलेजों में सिखाने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी इसे अपनाए और इस विरासत को आगे बढ़ाए।”** 

## **पेंटिंग को लेकर उत्साहित हैं स्थानीय लोग** 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंजूषा पेंटिंग भेंट किए जाने की खबर से भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय नागरिकों और कलाकारों का मानना है कि इससे इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। 

भागलपुर निवासी **रामनारायण शर्मा** ने कहा, **”यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी को हमारी स्थानीय कला भेंट की जा रही है। इससे मंजूषा पेंटिंग को और अधिक प्रसिद्धि मिलेगी।”** 

## **निष्कर्ष** 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की जाने वाली यह मंजूषा पेंटिंग केवल एक कला का नमूना नहीं है, बल्कि यह भागलपुर और अंग जनपद की **संस्कृति, इतिहास और विकास की अनूठी कहानी** कहती है। इस पेंटिंग के माध्यम से **अतीत की गौरवशाली विरासत और भविष्य की संभावनाओं** को एक साथ दर्शाया गया है। 

यह पेंटिंग न केवल मंजूषा कला को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाने का कार्य करेगी, बल्कि भागलपुर को एक सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से समृद्ध शहर के रूप में भी स्थापित करेगी। ऐसे में इस विशेष भेंट के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी तक **अंग जनपद की कला और संस्कृति का एक अद्भुत परिचय** पहुँचेगा, जो निश्चित रूप से इस कला के भविष्य के लिए एक **सुनहरा अवसर** होगा।

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