इंडो-नेपाल सीमा पर एक बार फिर से संदिग्ध गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार रात नेपाल सीमा के कमला बीओपी इलाके में 15 से 20 की संख्या में ड्रोन देखे गए, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। यह ड्रोन भारतीय क्षेत्र की ओर से आते हुए नेपाल की दिशा में लौटते देखे गए। इस घटना के बाद इंडो-नेपाल सीमा पर चौकसी को और सख्त कर दिया गया है।
ड्रोन देखे जाने की पुष्टि, एसएसबी अलर्ट पर
जयनगर एसएसबी बटालियन-48 के उप कमांडेंट विवेक ओझा ने इस बात की पुष्टि की है कि सोमवार रात जवानों ने जानकी नगर बीओपी के निकट कई ड्रोन जैसे उपकरणों को भारतीय क्षेत्र से नेपाल की ओर जाते हुए देखा। उन्होंने बताया कि जैसे ही ड्रोन की गतिविधि का पता चला, तुरंत एसएसबी के जवानों को अलर्ट कर दिया गया और पूरे इलाके की निगरानी बढ़ा दी गई।
एसएसबी अधिकारी के मुताबिक, ड्रोन उत्तर से पूर्व की दिशा में भारत के क्षेत्र में आए और फिर पश्चिम से होते हुए उत्तर दिशा की ओर नेपाल में लौट गए। इस पूरे घटनाक्रम को बेहद संजीदगी से लिया गया है और इसकी सूचना दिल्ली और दरभंगा एयरपोर्ट को भी दी गई है।
नेपाल की सेना ने दी जानकारी से अनभिज्ञता
जब इस संबंध में नेपाल के सुरक्षा बलों से संपर्क किया गया तो उन्होंने ड्रोन की किसी भी गतिविधि से अनभिज्ञता जताई। यह भी एक चिंताजनक पहलू है कि इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन की हलचल के बावजूद नेपाल की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
चुनावी साल में बढ़ी सुरक्षा की चिंता
गौरतलब है कि यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर आने वाले हैं। यह साल बिहार के लिए चुनावी वर्ष है और पीएम मोदी का दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में भारत-नेपाल सीमा के इतने संवेदनशील इलाके में ड्रोन की इस तरह की संदिग्ध हलचल को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर परीक्षा होती हैं। चुनावी माहौल और प्रधानमंत्री के संभावित दौरे को देखते हुए इस मामले को लेकर सुरक्षा एजेंसियां और अधिक सतर्क हो गई हैं। ड्रोन गतिविधियों की जांच के लिए खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं और तकनीकी विश्लेषण के लिए संबंधित संस्थाओं को सूचना भेज दी गई है।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
इस घटना के बाद सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में डर और बेचैनी का माहौल है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से सीमा पार की गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत-नेपाल सीमा पर इस तरह की संदिग्ध ड्रोन गतिविधियां निश्चित ही सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक हैं। खासकर तब, जब देश में चुनावी सरगर्मी और प्रधानमंत्री के दौरे जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं सामने हों। ऐसे में जरूरी है कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार चौकसी बनाए रखें और हर संदिग्ध गतिविधि की गहराई से जांच करें। यह घटना एक चेतावनी है कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।