तिलकामांझी स्थित होली फैमिली अस्पताल में बच्चों के डॉक्टर ने छह माह के बच्चे को एक्सपायर हो चुके एन्फ्लूएंजा का टीका लगा दिया। ये देख परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
खुद को फंसता देख डॉक्टर ने कहा कि चश्मा नहीं लगाने के कारण हो गयी चूक। मौके पर डॉक्टर ने अपने भाई समेत अन्य लोगों को बुला लिया और परिजनों पर दबाव डालने लगे। ये देख परिजनों ने मौके पर बरारी पुलिस को बुलाया और डॉक्टर के खिलाफ बरारी थाने में आवेदन दे दिया। जबकि सूचना मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर ने टीकाकरण प्रक्रिया व दवा आदि की जांच की।
इशाकचक निवासी विशाल चंद्र सिन्हा बेंग्लुरु स्थित एक कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं और इन दिनों वे वर्क फ्रॉम होम हैं। बकौल विशाल, वे पत्नी तृष्णा सिन्हा को लेकर
शनिवार की सुबह करीब 10 बजे अपने छह माह के बेटे समृद्ध को नियमित टीकाकरण के तहत टाइफाइड, पोलियो व एन्फ्लूएंजा का टीका लगवाने के लिए होली फैमिली अस्पताल पहुंचे। समृद्ध को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत सिंह ने तीनों टीका लगा दिया।
बकौल विशाल, उन्होंने एन्फ़्लूएंजा के टीके वाले बॉक्स को देखा तो पाया कि मैन्फ्यूक्चर डेट जहां मई 2022 था तो एक्सपायरी डेट अप्रैल 2023 था। ये देख परिजन हंगामा करने लगे। बकौल विशाल, डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने चश्मा नहीं पहना था, इसलिए ये चूक हो गयी। इसके बाद डॉक्टर ने अपने भाई कृष्णकांत सिंह समेत अन्य लोगों को मौके पर बुला लिया और परिजनों पर दबाव बनाने लगे।
आरोप है कि इस मौके पर कृष्णकांत सिंह ने परिजनों से कहा कि बच्चा मरा तो नहीं है। क्यों इतना हंगामा कर रहे हो। परिजनों ने कहा कि ये लोग नकली दवा का गोरखधंधा चला रहे हैं। इनका लाइसेंस रद्द होना चाहिए। सूचना मिलते ही मौके पर बरारी थानेदार संजय कुमार सत्यार्थी पहुंचे और परिजनों को शांत कराया।
इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर राजीव रंजन अस्पताल पहुंचे। राजीव रंजन ने बताया कि चार बच्चों को टीका दिया गया था। तीन को सही टीका पड़ा था, सिर्फ एक बच्चे को एक्सपायर टीका लगा है। पैकेट आदि को जब्त कर लिया गया है। वहीं विशाल ने बरारी थाने में डॉक्टर के खिलाफ आवेदन दे दिया है।