जिले में तेज धूप और लू के थपेड़ों का असर बढ़ता जा रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। वह कभी-कभी तो जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में जहां तक संभव हो, लोगों को चाहिए कि वे कड़ी धूप में बाहर नहीं निकलें।

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विकास कर्ण ने बताया कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र का गठन किया गया है। यहां भी 06412402871 और 94719200050 पर फोन कर मदद मांगी जा सकती है। उन्होंने सदर अस्पताल का भी फोन नंबर 06412421073 जारी करते हुए कहा कि यहां से भी चिकित्सीय मदद ली जा सकती है।

उन्होंने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एडवाइजरी को सार्वजनिक किया है। एडवाइजरी के मुताबिक गर्म हवाएं और लू से सुरक्षा के लिए बार-बार पानी पीना चाहिए। सफर में अपने साथ हमेशा पीने का पानी रखें। जब भी बाहर धूप में जाएं। यथासंभव हल्के रंग के ढीले-ढाले व सूती कपड़े पहनें। धूप के चश्मा का इस्तेमाल करें। तौलिया व गमछा भिगोकर सिर पर रखें और चेहरा पोंछकर चलें। हमेशा जूता या चप्पल पहनें। जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो भरपेट भोजन करके निकलें।

उन्होंने बताया कि लू लगने पर पीड़ित को छांव में लिटाएं और कपड़ों को ढीला करें। ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें। लू में यदि एक घंटे में सुधार ना हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं।

जर्दा, तंबाकू, मांस, सूखे मेवे और अंडा न खाएं

एडवाइजरी में कहा गया कि हल्का भोजन करें। अधिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा आदि का अधिकाधिक सेवन करें। ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन में मांस, अंडा, सूखे मेवे का सेवन न करें। लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना आदि का नियमित सेवन करें। दैनिक भोजन में कच्चा प्याज, सत्तू, पुदीना, सौंफ और खस को शामिल करें। चाय, कॉफी, जर्दा, तंबाकू आदि का सेवन न करें।

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