सहरसा जिला मुख्यालय स्थित प्रेक्षा गृह में प्रमंडलीय आयुक्त श्री राजेश कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कोसी प्रमंडल के तीनों जिलों – सहरसा, सुपौल और मधेपुरा – में संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।

भवनहीन कार्यालयों एवं आवास योजनाओं की स्थिति:


भवनहीन प्रखंड सह अंचल कार्यालयों के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा में सामने आया कि सहरसा में स्वीकृत 8379 आवासों में से 29.11% पूर्ण हुए हैं, सुपौल में 20761 में से 21.35% और मधेपुरा में 26232 में से मात्र 14.56% आवास पूर्ण हुए हैं। शेष आवासों के निर्माण हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

मनरेगा एवं अन्य योजनाओं की स्थिति:


मनरेगा के अंतर्गत खेल मैदान, तालाब निर्माण, वृक्षारोपण एवं सृजित मानव दिवस की स्थिति पर भी समीक्षा की गई। जल जीवन हरियाली योजना के तहत पौधारोपण कार्य की उपलब्धि तथा पौधों की उत्तरजीविता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया।

पंचायत सरकार भवन निर्माण:


सहरसा में 61 पंचायत सरकार भवनों में से 27 निर्माणाधीन हैं। मधेपुरा में 79 में से 78 में कार्य प्रारंभ हो चुका है, जबकि सुपौल में 161 लक्ष्यों के विरुद्ध 42 भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

पेयजल, नल-जल एवं सफाई व्यवस्था:


गर्मी के मौसम को देखते हुए पेयजल संकट से निपटने की कार्ययोजना बनाई गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को चापाकलों की मरम्मती और नल-जल योजनाओं की सतत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा गया है। नगर निकाय क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था एवं नालों की सफाई कार्य को भी गति देने का निर्देश दिया गया।

आपदा प्रबंधन एवं विस्थापन:


संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने हेतु सभी जिलों को तटबंधों की सतत निगरानी, जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता एवं अन्य तैयारी समय रहते पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। सुपौल जिले में एक कटाव पीड़ित की जानकारी दी गई, जबकि सहरसा एवं मधेपुरा में शून्य कटाव पीड़ित हैं।

राजस्व संग्रहण एवं प्रशासनिक उपलब्धियाँ:


परिवहन कार्यालयों द्वारा लक्ष्य के विरुद्ध उल्लेखनीय संग्रहण किया गया है: सहरसा (100.49%), सुपौल (84.71%) और मधेपुरा (89.48%)। वाणिज्य कर संग्रहण में मधेपुरा ने 120.22% की उपलब्धि हासिल की। भू राजस्व संग्रहण में मधेपुरा (150%) आगे रहा, जबकि सहरसा (44.59%) और सुपौल (63.67%) को तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

उत्पाद विभाग एवं मद्य निषेध:


मद्य निषेध अभियान के अंतर्गत जब्त 150 वाहनों की नीलामी प्रक्रिया छह माह से लंबित पाई गई, जिसपर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

लोक सेवा अधिकार एवं न्यायालय मामलों की समीक्षा:


लोक सेवा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। राजस्व न्यायालय, उच्च न्यायालय और पीडी संबंधित मामलों के निष्पादन में तेजी लाने को कहा गया।

बैठक में उपस्थित अधिकारीगण:


इस अवसर पर जिलाधिकारी सहरसा श्री वैभव चौधरी, सुपौल के जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार, मधेपुरा के जिलाधिकारी श्री तरनजोत सिंह, तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षक, आयुक्त के सचिव श्री मृत्युंजय कुमार, अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) श्री संजीव कुमार चौधरी, उप विकास आयुक्त श्री संजय कुमार निराला, अनुमंडल पदाधिकारी सदर श्री प्रदीप कुमार झा, अनुमंडल पदाधिकारी सिमरी बख्तियारपुर श्रीमती अनिशा सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी अधिकारियों को जनकल्याणकारी योजनाओं के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा जनता के प्रति उत्तरदायी प्रशासनिक व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।

By Indradev Kumar

Patrakar

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