डीजीपी आरएस भट्टी ने अपराध की रोकथाम को लेकर सभी थानों को सख्त निर्देश जारी किया है। उन्होंने खासतौर से कहा है कि थाना आने वाले किसी व्यक्ति या पीड़ित का बिना कोई टालमटोल किए उनकी हर समस्या का समाधान करें। कोई मामला हो या किसी अन्य तरह की समस्या, उसका तुरंत समाधान करें।

राज्य के किसी थाने के बारे में लापरवाही से संबंधित शिकायत सामने आने पर संबंधित पदाधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसी थाने में थानेदार या थाना प्रभारी के मौजूद नहीं होने पर किसी व्यक्ति को उनके इंतजार में बैठाया नहीं जाएगा।

थाना प्रभारी की अनुपस्थिति में जो भी सीनियर उप-थानाध्यक्ष होंगे, वे संबंधित पीड़ित की समस्या का समाधान करेंगे, इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए और न ही कोई बहानेबाजी चलेगी।

उन्थानाthanaहोंने कहा कि सभी थानाध्यक्ष हर हाल में जनता से मिले और उनकी समस्या का समाधान करें। उनकी गैर-मौजूदगी में यह काम वरीय उप-थानाध्यक्ष उतनी ही शिद्दत से करेंगे। थाना स्तर पर कोई व्यक्ति परेशान नहीं हो। राज्य के सभी थानों में एक थानाध्यक्ष और उनके नीचे दो उप-थानाध्यक्ष होते हैं।

इसमें एक विधि-व्यवस्था और दूसरा अनुसंधान की जिम्मेदारी संभालते हैं। यह व्यवस्था राज्य के सभी 1097 थानों में करीब तीन साल पहले से लागू है।

लेकिन कुछ थानों में यह व्यवस्था सुचारू तरीके से नहीं चल रही है। डीजीपी ने सभी थानों को यह व्यवस्था बहाल रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जिन थानों में थानाध्यक्ष किसी कारण से नहीं हैं, तो वहां मौजूद दोनों उप-थानाध्यक्षों में सीनियर को इसका प्रभार सौंप दिया जाए।

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