देश में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर चौंकाने वाला खुलासा किया है। शनिवार को ‘ऑपरेशन चक्र’ के तहत बिहार सहित आठ राज्यों में की गई कार्रवाई में यह सामने आया कि कई टेलीकॉम ऑपरेटरों के प्वाइंट ऑफ सेल (POS) केंद्रों से फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इन सिम कार्डों का इस्तेमाल डिजिटल धोखाधड़ी, यूपीआई फ्रॉड, फर्जी निवेश योजनाओं और फेक विज्ञापनों जैसे अपराधों में किया जा रहा था।

CBI सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान यह पता चला है कि कुछ टेलीकॉम एजेंट साइबर अपराधियों से मिलकर फर्जी KYC दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी कर रहे थे। ये एजेंट मोटे मुनाफे के लालच में अपराधियों को आसानी से सिम उपलब्ध करा देते थे। CBI ने कई टेलीकॉम एजेंटों के पीओएस पर छापेमारी की और अवैध सिम कार्ड की बिक्री में शामिल नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।

इस अभियान में बिहार के अलावा असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी छापेमारी की गई। CBI की इस संयुक्त कार्रवाई में यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। मुरादाबाद, संभल और मुंबई से भी गिरफ्तारियां हुई हैं। छापेमारी के दौरान कई मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिन्हें अब जांच के लिए भेजा गया है।

पटना और सीमावर्ती जिलों में टेलीकॉम एजेंटों के परिसरों में छापेमारी की खबर है, हालांकि CBI ने इन पर औपचारिक पुष्टि नहीं की है। इन जांचों के तहत डोभी (बिहार) के दो युवकों मनीष कुमार और गौतम कुमार से पूछताछ की गई है। दोनों पर सिम कार्डों के गैरकानूनी उपयोग का संदेह है और उन्हें आगामी 22 मई को दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

CBI की यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी पहल मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि टेलीकॉम एजेंटों की लापरवाही या मिलीभगत के चलते साइबर अपराधी फर्जी सिम कार्ड हासिल कर बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। इस खुलासे के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर भी सख्त निगरानी और कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि देश में साइबर अपराध की जड़ें गहरी होती जा रही हैं, और इनके खिलाफ संगठित व कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। CBI का यह अभियान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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