एमएलसी चुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दलों ने वाम और कांग्रेस ने एक दिन पहले काफी आक्रामक रुख अख्तियार किया था. आज कांग्रेस के रवैये में थोड़ी नरमी देखी गयी. सर्वदलीय बैठक के लिए आये कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि एमएलसी चुनाव को लेकर कोई नहीं हुई. पढ़ें पूरी खबर.
पटना: फिलहाल बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा छाया हुआ है. आज इस मसले पर सर्वदलीय बैठक भी हुई. इधर, एक दिन पहले ही एमएलसी चुनाव को लेकर महागठबंधन के घटक दलों में रार देखने को मिली थी. वाम दलों और कांग्रेस ने आरजेडी पर एकतरफा प्रत्याशी घोषणा करने का आरोप लगाते हुए खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी. दोनों पार्टियां एक सीट मांग रही हैं. दूसरी ओर आज कांग्रेस के रुख में थोड़ी नरमी देखी गयी.
नहीं हुई एमएलसी पर बात: कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर हम लोग बात करेंगे. मेरा फोन नहीं लग रहा था लेकिन सूचना आ गयी. जातीय जनगणना पर सबको एक साथ जाना है. यह बिहार के हित की बात है. जब उनसे एमएलसी चुनाव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस पर कोई बात नहीं हुई. उम्मीदवार देने पर भी कोई बात नहीं हुई. बता दें कि आरजेडी ने युवा राजद के प्रदेशाध्यक्ष कारी शोएब, मुन्नी देवी उर्फ मुन्नी रजक और अशोक पांडे को टिकट दिया है. इसी को लेकर महागठबंधन के घटक दल नाराज हो गये हैं.
‘जातीय जनगणना को लेकर हम लोग बात करेंगे. मेरा फोन नहीं लग रहा था लेकिन सूचना आ गयी. एमएलसी चुनाव पर कोई बात नहीं हुई. उम्मीदवार देने पर कोई बात नहीं हुई. जातीय जनगणना पर सबको एक साथ जाना है. यह बिहार के हित की बात है.’-अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता.
कांग्रेस ने दी थी खुलेआम चेतावनी: आरजेडी द्वारा प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद कांग्रेस ने कल तो खुलेआम चेतावनी दी थी. कांग्रेस नेताओं का कहना था कि उनकी पार्टी के समर्थन के बगैर आरजेडी के तीनों प्रत्याशी नहीं जीत सकते हैं. साथ ही आरोप लगाया कि बिना बातचीत के ही मनमाने तरीके से उम्मीदवार उतार दिये गये. इसका खामियाजा आरजेडी को भुगतना पड़ेगा. बता दें कि 21 जुलाई को बिहार विधान परिषद की 7 सीटें खाली हो रही हैं. इसके लिए अगले महीने चुनाव है.
नहीं जीत सकते RJD के तीनों प्रत्याशी: लालू यादव की पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारने के बाद कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा था कि आरजेडी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. प्रत्याशियों को लेकर राजद ने कांग्रेस और भाकपा माले से कोई बातचीत नहीं की. शकील अहमद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना उनकी पार्टी के समर्थन के आरजेडी के उम्मीदवार विधान परिषद का चुनाव नहीं जीत सकते हैं. उन्होंने बताया कि एमएलसी उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस और माले एक साथ हैं. दोनों पार्टियां साथ में मिलकर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं.