सूबे के सभी कोचिंग संस्थानों को छात्रों की संख्या की जानकारी देनी होगी। साथ में संबंधित कोचिंग किस परीक्षा की तैयारी करवाते हैं या किन विषयों की पढ़ाई होती है, इसे भी बताना होगा। इसके लिए एक फार्मेट को सभी कोचिंग संस्थानों को भेजा जाएगा। कोचिंग संस्थान इसे भर कर संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को देंगे। इस बाबत शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा कार्यालय को आदेश दिया है।

बता दें कि जब स्कूल खुले रहेंगे तो सभी कोचिंग संस्थानों को बंद रखना है। प्रखंडवार कोचिंग की गिनती प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने की थी। अब संबंधित कोचिंग में कितने छात्र पढ़ते हैं, मेडिकल-इंजीनियरिंग और अन्य किन चीजों की तैयारी करवाई जाती है, कहां-कहां अन्य शाखा हैं। दसवीं और प्लस टू की तैयारी करवाने वाले कितने कोचिंग संस्थान हैं। समय सारिणी क्या है। एक बैच में कितने छात्र को एक साथ पढ़ाया जाता है। इन तमाम जानकारी को सभी कोचिंग संस्थानों को साझा करना है।

पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार कई कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने संबद्धता तो एक परिसर का लिया है, लेकिन संस्थान का परिसर कई प्रखंडों में है। शिक्षा विभाग के आदेश पर जब बीईओ ने प्रखंड वार कोचिंग संस्थान की गिनती शुरू की तो एक कोचिंग संस्थान का नाम कई प्रखंड में आया। जब समीक्षा की तो पता चला कि एक कोचिंग संस्थान कई जगहों पर चल रहा है। पटना जिला में ऐसे पांच सौ से अधिक कोचिंग संस्थान हैं।

प्रधानाध्यापक पद के लिए योग्यता संशोधित

राज्य की माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त करने के लिए अर्हता में संशोधन का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। दो दिनों पहले कैबिनेट की स्वीकृति ली गई थी। संशोधन के बाद प्रधानाध्यापक के लिए माध्यमिक शिक्षक के पद पर न्यूनतम आठ साल की लगातार सेवा जरूरी होगी। पहले दस साल की सेवा तय थी। उच्च माध्यमिक के शिक्षक के पद पर कम से कम चार साल की सेवा अनिवार्य होगी।

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