महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने *मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना* शुरू की है। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी हुई हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र परिवार की एक महिला को आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि वह स्वरोजगार के माध्यम से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके।
#### आवेदन की प्रक्रिया और शर्तें
योजना में जुड़ने के लिए महिलाओं को पहले स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य है। जो महिलाएं पहले से ही समूह का हिस्सा हैं, वे सीधे आवेदन कर सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम संगठन स्तर पर विशेष बैठक आयोजित होगी, जहां समूह की सभी महिलाओं का आवेदन सामूहिक रूप से लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए जीविका की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। हालांकि, जो महिलाएं पहले से शहरी एसएचजी से जुड़ी हुई हैं, उन्हें दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
#### कौन होंगी पात्र
इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनमें पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा अविवाहित वयस्क महिलाएं, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, वे भी पात्र होंगी। आवेदिका की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। पात्रता की एक अहम शर्त यह है कि आवेदिका या उनके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए। साथ ही, न तो वे और न ही उनके पति किसी सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में कार्यरत हों।
#### लाभ और उद्देश्य
योजना के अंतर्गत प्रत्येक पात्र महिला को अधिकतम **2 लाख रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज** दिया जाएगा। पहली किस्त की राशि महिलाओं को खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-बुनाई या छोटे उद्यम शुरू करने के लिए मिलेगी। इसके बाद लगभग छह महीने बाद दूसरी किस्त के रूप में अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी, ताकि महिलाएं अपने कारोबार का विस्तार कर सकें। इस योजना का मूल उद्देश्य है कि महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें, बल्कि अपने परिवार की आय में भी योगदान दें।
#### बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी
योजना की शुरुआत के बाद से ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों की महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। अब तक केवल शहरी इलाकों में ही चार लाख 66 हजार जीविका दीदियों ने आवेदन किया है। इसके साथ ही चार लाख चार हजार से अधिक महिलाएं, जो स्वयं सहायता समूह से जुड़ना चाहती हैं, उन्होंने भी आवेदन किया है। इससे यह साफ है कि महिलाएं अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए इस योजना को गंभीरता से अपना रही हैं।
#### निष्कर्ष
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, बिहार की महिलाओं के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल रही है। यह सिर्फ एक वित्तीय मदद नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं का बढ़ता उत्साह इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में यह योजना लाखों परिवारों के जीवन स्तर को बदलने में मील का पत्थर साबित होगी।
