भागलपुर। लोक आस्था के महापर्व *छठ* की शुरुआत आज *नहाय-खाय* के साथ हो गई है। शनिवार सुबह से ही भागलपुर के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं और पुरुष श्रद्धालु विधि-विधान के साथ गंगा स्नान कर पवित्र गंगाजल अपने घर लेकर गए। गंगाजल से कद्दू-भात का प्रसाद तैयार किया गया, जिसे ग्रहण कर व्रती महिलाओं ने छठ व्रत की औपचारिक शुरुआत की।
गंगा किनारे पारंपरिक गीतों की गूंज और भक्तिभाव का माहौल देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने कहा कि छठ महापर्व केवल पूजा नहीं, बल्कि अनुशासन, आस्था और पवित्रता का प्रतीक है। इस अवसर पर भागलपुर के अलावा *मुंगेर, बांका, कटिहार* समेत आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग गंगा घाट पहुंचे।
कल *खरना व्रत* रखा जाएगा, जिसमें व्रती महिलाएं गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर संध्या काल में ग्रहण करेंगी। इसके बाद अगले दो दिनों तक डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर चार दिवसीय पर्व का समापन होगा।
भागलपुर जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर *सुरक्षा और स्वच्छता की विशेष व्यवस्था* की है। पुलिस बल, गोताखोर और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। वहीं नगर निगम की ओर से घाटों की सफाई और प्रकाश व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
सुबह से ही महिलाओं ने घाटों पर पूजा की सामग्री खरीदी, वहीं बच्चों और बुजुर्गों में भी इस पर्व को लेकर उत्साह देखा गया। भक्तों का कहना है कि छठ व्रत सिर्फ पूजा नहीं बल्कि यह *संयम, श्रद्धा और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना* का पर्व है, जो लोक आस्था की सबसे पवित्र परंपराओं में से एक है।
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