कोरोना वायरस महामारी का असर जनगणना की गतिविधियों पर भी पड़ा है। फिलहाल महामारी के कारण जनगणना गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि कोविड -19 के कारण जनगणना 2021 और इससे संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

सरकार के फैसले के अनुरूप भारत के महापंजीयक (RGI) और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने पिछले महीने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव नहीं करने की तारीख को जून के अंत तक के लिए बढ़ा दी थी। जनगणना अभियान के दौरान, हाउस लिस्टिंग फेज और जनसंख्या गणना राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के जिलों, कस्बो, गांवों और तहसीलों की सीमाओं को नहीं बदलना चाहिए। हालांकि, गृह मंत्रालय के अगले आदेश तक अभ्यास को स्थगित करने के साथ, आरजीआई के इस पत्र का मतलब है कि प्रशासनिक क्षेत्राधिकारों की सीमाओं को 30 जून तक के लिए फ्रीज कर दिया गया है। इस अभ्यास को पहले 31 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 21 दिसंबर, 2021 तक किया गया था।

मुख्य रूप से, हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना का फील्ड वर्क, जनगणना 2021 का पहला चरण, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के साथ विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों, उनकी स्थानीय परिस्थितियों और अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के दौरान 45 दिनों की अवधि में आयोजित किया जाना था। पिछले साल हाउस लिस्टिंग के बाद 9 से 28 फरवरी के बीच जनसंख्या की गणना की जानी थी।

बता दें कि MHA या जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने जनगणना को स्थगित करने के लिए कोई आधिकारिक आदेश या सर्कुलर जारी नहीं किया है और पहले से तय तारीख को 30 जून तक बढ़ाने को देरी के रूप में देखा जा रहा है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 7 दिसंबर, 2021 को संसद को सूचित किया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जनगणना 2021 और जनगणना संबंधी गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने कहा है कि आगामी जनगणना में जिसमें शिक्षा, एससी-एसटी, धर्म, भाषा, विवाह, प्रजनन क्षमता, विकलांगता, व्यवसाय और व्यक्तियों के प्रवास जैसे जनसांख्यिकीय और विभिन्न सामाजिक आर्थिक मानकों पर डेटा एकत्र किया जाता है। सरकार ने कहा था कि यह पहली डिजिटल जनगणना होगी।

डेटा कलेक्शन के लिए एक मोबाइल ऐप और विभिन्न जनगणना संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक जनगणना पोर्टल पहले ही विकसित किया जा चुका है। इस डेवलपमेंट से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासनिक सीमाओं की नई तारीख के साथ यह अभ्यास 2022 की तीसरी तिमाही से पहले शुरू नहीं हो सकता है। हालांकि, यह बहुत कुछ देश में कोरोना महामारी की स्थितियों पर निर्भर करेगा।

दस साल में एक बार किया जाने वाला यह सबसे बड़ा डेटा कलेक्शन एक्सरसाइज है, जो जनसंख्या वृद्धि का आकलन करने के साथ-साथ आवास, पेयजल, स्वच्छता, आवास और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं तक के पहुंच का विश्लेषण करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पहले साल आखिरी बार साल 2011 में जनगणना की गई थी।

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