20 प्रतिशत कार्य शेष

जाति आधारित गणना के शुरू होते ही सामान्य प्रशासन विभाग में अधिकारियों द्वारा इसकी निगरानी शुरू कर दी गई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जाति आधारित गणना का कार्य अगस्त के तीसरे सप्ताह में पूरा हो जाएगा।

इसे प्रतिदिन युद्धस्तर पर किया जाएगा। विभाग के अनुसार राज्य में जाति आधारित गणना से संबंधित 80 फीसदी कार्य पूरे हो चुके हैं। करीब 20 प्रतिशत कार्य ही शेष हैं, जिन्हें अगले तीन सप्ताह में पूरा कर लिए जाने की संभावना है।

पटना हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के अगले ही दिन बुधवार को बिहार में 89 दिनों बाद जाति आधारित गणना के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए सर्वेक्षण पुन शुरू हो गया। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर राज्य के सभी जिलों में जाति आधारित गणना कार्य को लेकर प्रगणकों को क्षेत्र में रवाना किया गया। पूर्व से चिह्नित घरों में जाकर प्रगणकों ने गणना के तहत निर्धारित 26 बिंदुओं पर अलग-अलग जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

इस कार्य में राज्य के करीब 5 लाख 19 हजार कर्मचारी लगाए गए। पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना का कार्य 4 मई से बंद कर दिया था। इस गणना कार्य के प्रथम चरण में प्रगणक 2 करोड़ 58 लाख 90 हजार 497 परिवारों तक पहुंचे थे। राज्य के सभी जिलों में अब एक बार फिर जाति आधारित गणना शुरू हो गई है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी को लगातार पर्यवेक्षण एवं नियमित समीक्षा करने और शेष बचे कार्यों को पूरा कराने की दिशा में ठोस कार्रवाई करने को कहा गया है।

भोजपुर, भागलपुर समेत लगभग सभी जिलों में जिलाधिकारियों ने सभी प्रगणकों को शेष निधार्रित कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को गणना संबंधी कार्यों की लगातार निगरानी एवं नियमित समीक्षा करने की हिदायत दी गई है। साथ ही, उन्हें गणना कार्य का भौतिक सत्यापन करने को भी कहा गया।

बुधवार की शाम को मुख्यालय स्तर पर सभी जिलों से दिन भर के गणना कार्यों का फीडबैक लिया गया। मुख्य सचिव आमीर सुबहानी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की और गणना कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने जल्द से जल्द सभी जानकारी एकत्र कर उसे मोबाइल एप से अपलोड करने का निर्देश दिया। सूत्रों ने बताया कि प्रतिदिन मुख्य सचिव राज्य स्तर पर गणना की समीक्षा करेंगे। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश सभी डीएम को दिया गया है।

राज्य सरकार की पहल सर्वोच्च न्यायालय में कैविएट दाखिल हुआ

जातीय गणना के मसले पर बिहार सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना कैविएट दाखिल किया है। सरकार ने शीर्ष कोर्ट से आग्रह किया कि यदि इस मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की जाती है तो उसका (राज्य) पक्ष सुने बगैर कोई आदेश पारित नहीं किया जाए। हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार सरकार को राहत देते हुए राज्य में जातीय गणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही हाईकोर्ट ने गणना पर लगी रोक भी हटा दी।

शिक्षा विभाग का आदेश पहले की तरह गणना कार्य करेंगे शिक्षक

स्कूली शिक्षक पूर्व की भांति जातीय गणना का कार्य करेंगे। इसके लिए प्रतिनियुक्ति की स्वीकृति शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दी है। पाठक ने सभी डीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों को केवल जातीय गणना में लगाया जाए। अन्य कोई प्रशासनिक कार्य नहीं लिया जाए। प्रतिनियुक्ति करते समय ध्यान रखें कि कोई भी विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन न हो जाए। मालूम हो कि एक दिन पहले ही पाठक ने गैर शैक्षणिक कार्य के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगाई थी।

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