पीरपैंती रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाली मुख्य सड़क पर टड़वा के समीप एक गंभीर सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें तीन नाबालिग बच्चे घायल हो गए। ये तीनों युवक एक बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर तेज रफ्तार में आ रहे थे, तभी सामने से आ रहे एक CNG टोटो में उन्होंने जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना जबरदस्त था कि आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
घायलों की पहचान शिवम कुमार, शशि कुमार और प्रिंस कुमार के रूप में हुई है, तीनों की उम्र 15 से 17 वर्ष के बीच बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुलेट मोटरसाइकिल काफी तेज गति में थी और चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिससे टोटो में सीधी टक्कर हो गई। गनीमत रही कि टोटो में सवार किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई और वाहन को भी बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने डायल 112 को सूचना दी। पुलिस की तत्परता सराहनीय रही और महज पांच मिनट में डायल 112 की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने घायलों को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा हेतु स्थानीय रेफरल अस्पताल भिजवाया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार तीनों की स्थिति खतरे से बाहर है, लेकिन उन्हें कुछ समय तक निगरानी में रखा जाएगा।
**प्रत्यक्षदर्शी बोले:**
टड़वा निवासी रमेश यादव ने बताया, “बुलेट पर तीनों लड़के बहुत तेज रफ्तार में आ रहे थे। हॉर्न भी नहीं बजाया और अचानक जाकर टोटो से भिड़ गए। टक्कर इतनी तेज थी कि सड़क पर सब दौड़ पड़े।”
एक अन्य स्थानीय निवासी किरण देवी ने बताया, “हमने तुरंत पुलिस को कॉल किया और वो बहुत तेजी से मौके पर पहुंच गए। अगर पुलिस समय पर नहीं आती तो हालात बिगड़ सकते थे।”
**पुलिस की ओर से बयान:**
डायल 112 टीम के अधिकारी ने बताया कि उन्हें करीब 11:45 बजे सूचना मिली और पांच मिनट में वे घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने बताया, “तीनों युवक नाबालिग हैं और बिना लाइसेंस के बुलेट चला रहे थे। परिजनों को सूचना दे दी गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।”
**नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाना बना चिंता का विषय**
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि नाबालिगों को दोपहिया वाहनों की चाबी कैसे सौंपी जा रही है। नाबालिगों के हाथों में तेज रफ्तार बुलेट मोटरसाइकिल देना केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि जानलेवा जोखिम भी है।
**समाज और अभिभावकों की जिम्मेदारी**
पुलिस प्रशासन के साथ-साथ समाज और माता-पिता को भी जागरूकता दिखानी होगी। नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए अभिभावकों को खुद आगे आना होगा। एक छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
**निष्कर्ष:**
टड़वा की यह घटना भले ही किसी बड़े हादसे में नहीं बदली, लेकिन यह एक चेतावनी है। तेज रफ्तार, नाबालिग चालक और लापरवाही से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। पुलिस द्वारा समय पर की गई कार्रवाई और स्थानीय लोगों की तत्परता ने बड़ी अनहोनी को टाल दिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त नियमों और सामाजिक जागरूकता की जरूरत है।
