शराबबंदी के बाद भागलपुर, पटना और मुजफ्फरपुर समेत बिहार के कई जिलों में ब्राउन शुगर की तस्करी बढ़ गई है। मौत के सौदागर युवाओं और नशे के शौकीन को मौत के कुएं में धकेल रहे हैं। एसिटिक एनहाइड्राइड मिश्रण से तैयार यह मौत की पुड़िया बंगाल और झारखंड से लाई जाती है। एक पुड़िया की कीमत 250 से 300 रुपए है। बड़े तस्करों ने इसके लिए राज्य के अधिकतर जिलों में ड्रग पैडलर तैयार किए हैं। वह मोहल्लों में घूम-घूमकर सफेद जहर को बेच रहे हैं।
बिहार में ब्राउन शुगर पं.बंगाल व झारखंड से हर माह भेजी जाती है। भागलपुर व अन्य जिलों में हर माह करीब 50 करोड़ की ब्राउन शुगर की खपत है। इसमें पुलिस-प्रशासन का भी हिस्सा होता है। तस्करों ने खुलासा किया कि सबसे अधिक खपत पटना के महेंद्रू व बोरिंग रोड इलाके में, मुजफ्फरपुर के अहियापुर व छाता चौक के आसपास होती है।
पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत से फल-फूल रहा है यह धंधा, छात्र से लेकर नशे के शौकीन कर रहे सेवन, भागलपुर के भीखनपुर में 250 रुपए में मिली एक पुड़िया
भीखनपुर इलाके के एक ड्रग पैडलर को फोन किया तो उसने गुमटी नंबर-2 पर बुलाया। फिर उसने गुमटी नंबर-12 पर बुलाया। पुलिस की सख्ती का हवाला देकर ब्राउन शुगर नहीं दिया। एक दिन बाद दूसरे लड़कों से मुलाकात हुई। उसने 250 रुपए लिए और ब्राउन शुगर की एक पुड़िया दी।
नंबर देकर कहा-लो कर लो बात
विषहरी स्थान के पास एक बड़े तस्कर की जानकारी मिली। उसे भरोसे में लेकर बात की तो गुमटी नंबर -2 के विषहरी स्थान के पास एक तस्कर पहले तो ब्राउन शुगर देने को तैयार हो गया। कहा कि ज्यादा लेने पर ही मिलेगा। बाद में शक होने पर उसने देने से इनकार कर दूसरे दिन आने को कहा। दूसरे दिन 17 से 25 साल के 3-4 युवक घूमते नजर आए। इनमें एक से पूछा तो कहा, पुड़िया मिल जाएगी। क्वालिटी बेस्ट है। एक पुड़िया के लिए 300 देने होंगे। फिर उसने एक नंबर दिया और कहा कि कर लो बात, पुड़िया मिल जाएगी।
दो दिन बाद मिली पुड़िया
दो दिन बाद इसी इलाके में चार युवक मिले। उनसे बात की तो पहले उन्होंने तस्दीक की…कहीं पुलिस वाले तो नहीं है…फिर भीखनपुर की तीन गलियों में घुमाया। इस दौरान जब भरोसा हो गया तो उन्होंने विषहरी स्थान के सामने की एक गली में चंदन नाम के तस्कर का घर दिखाते हुए कहा, यहीं मिलेगा। वहां पर उसने थोड़ी देर रुकने को कहा। इस दौरान एक ड्रग पैडलर ब्राउन शुगर की दो पुड़िया ले आया। 500 रुपए लेकर उसने दो पुड़िया दे दी।
तस्कर ने कहा-टीपू खान है सरगना माल कहां से लाता है, मुझे मालूम नहीं
- Q. मो. गुलाब कौन है? तुम राणा मियां के नाम से जाने जाते हो?
- तस्कर : राणा मियां कौन है? मैं नहीं जानता।
- Q. कहां से ब्राउन शुगर लाते हो… सरगना कौन है?
- तस्कर : सरगना टीपू खान है। हबीबपुर का रहनेवाला है।
- Q. टीपू कहां से माल लाता है?
- तस्कर : हमें नहीं पता। हमें तो रखने के लिए देता है।
झारखंड के तस्कर ने कहा- बस और ट्रेन से आता है ब्राउन शुगर
- Q. सफेद पाउडर कैसे आता है?
- तस्कर : आसनसोल, कोलकाता, हावड़ा से आता है।
- Q. पुलिस नहीं पकड़ती?
- तस्कर : पुलिस हमलोगों से मिली रहती है। एक किलो 90 लाख से एक करोड़ में लाते हैं। इसमें 25% पुलिस का हिस्सा होता है।
- Q. ब्राउन शुगर आता कैसे है?
- तस्कर : बस और ट्रेन से आता है। यदि पुलिस पकड़ भी ले तो पैसे लेकर छोड़ देती है।
- Q. कितने लोग इसमें काम करते हैं?
- तस्कर : कई लोग हैं। 100 लोग तो सिर्फ कतरास इलाके में ही है।
- Q. खुदरा में कितने की बिक्री होती है?
- तस्कर : 250 से 300 और 500 रुपए तक में एक पुड़िया बेची जाती है।
- Q. पुलिस कितने पैसे लेती है?
तस्कर : सभी तस्कर मिलकर थानों को 40 से 50 हजार रुपए में सेट कर लेते हैं।