बिहार में अधिकांश बच्चे तक नहीं पहुंची किताबें अर्ध वार्षिक मूल्यांकन की तिथि जारी। बिहार में सरकारी विद्यालयों में बच्चे का भविष्य कागजी प्रक्रिया पर उलझ कर रह गया है। बच्‍चे काफी परेशान हैं। बिना पढ़े अब बच्‍चों को परीक्षा देनी होगी।

भागलपुर। सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले स्कूली बच्चे का भविष्य कागजी प्रक्रिया में उलझ कर रह गया है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावों के बीच अब भी बच्चे बिना पुस्तक भविष्य संवारने को विवश हैं। कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को पुस्तक क्रय करने के लिए सरकार की ओर से राशि दी जाती है। जिला के चार लाख बच्चों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के लगभग चार माह बाद पुस्तक की राशि उपलब्ध कराई गई। अब राशि मिली, तो बच्चों को किताबें नहीं मिल पा रही है।

पुस्तक पहुंचाने में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं पब्लिश‍िंग कंपनियां

जिला में कक्षा एक से आठ तक नामांकित छात्रों की संख्या चार लाख 76 हजार 50 है। कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को 250 रुपये और कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को 400 रुपये की दर से राशि उपलब्ध कराई गई। मेधा साफ्ट के माध्यम से बच्चों के खाते में सीधे राशि भेज दी गई। प्रथम चरण में 26 अप्रैल से 17 जून तक संकुल स्तर पुस्तक मेला का आयोजन करने के निर्देश दिए गए थे। राशि के अभाव में उस समय छात्रों ने पुस्तक खरीद में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद चार जुलाई से 23 जुलाई तक पुस्तक मेला का आयोजित करने के निर्देश दिए गए। अब पब्लिर्शस कंपनियां पुस्तक मेला आयोजित करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। इस कारण अगस्त महीने में राशि मिलने के बाद भी बच्चों को किताबें नहीं मिल पा रही है।

27 जुलाई को पब्लिशर्स कंपनियों को लिखे पत्र में बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिश‍िंग कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार ने भी कहा कि बच्चों तक पुस्तक पहुंचाने के लिए मुद्रकों का पांच समूह बनाया गया था। पब्लिशर्स कंपनियों की ओर से उपलब्ध कराए गए प्रतिवेदन के अनुसार बहुत ही कम मात्रा में पुस्तक मुद्रित कर बिक्री की गई। इधर, 23 अगस्त को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान देवेंद्र नारायण पंडित ने 17 पब्लिशर्स कंपनियों को पत्र लिख कर भागलपुर जिला में संकुल स्तर पर पुस्तक मेला आयोजित करने का अनुरोध किया। इसके बाद भी पब्लिशर्स कंपनियां पुस्तक मेला आयोजित करने में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं।

जिला में अधिकांश स्कूली बच्चों तक किताबें नहीं पहुंची, लेकिन अर्ध वार्षिक परीक्षा की तिथि जारी कर दी गई। 12 से 18 अक्टूबर तक जिलों के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं की अर्ध वार्षिक परीक्षा होगी। जिला प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. शेखर गुप्ता ने कहा कि बिना बच्चों को किताबें उपलब्ध कराए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात बेईमानी है।

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