मानसिक स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है।

राज्यस्तर पर प्राधिकरण गठित करने के बाद विभाग ने प्रमंडलवार बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया है। बोर्ड के जिम्मे मानसिक रोगियों का इलाज सुनिश्चित कराने सहित कई काम होंगे।

बोर्ड का अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला जज को बनाया जाएगा। सदस्य के तौर पर डीएम, एसएसपी, विशेषज्ञ चिकित्सक, गैर सरकारी संगठन में काम करने वाले लोगों को शामिल किया जाएगा।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रमंडल स्तर पर बोर्ड गठित करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काम करेगा। साथ ही जिले में अगर कोई मानसिक रोग से संबंधित स्वास्थ्य संस्थान खुलेंगे तो उन्हें इस बोर्ड में निबंधन भी कराना होगा।

अभी मानसिक रोगियों से संबंधित स्वास्थ्य संस्थान या एनजीओ कितने हैं, यह आंकड़ा विभाग के पास नहीं है।

इसके अलावा मानसिक रोगियों के इलाज के लिए कई मानक तय हैं जिसका अनुपालन भी जरूरी है। ऐसे में यह जरूरी है कि मानसिक रोगियों से संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों व एनजीओ का आंकड़ा भी विभाग के पास हो।

इस बोर्ड की बैठक माह में कम से कम एक बार होगी। मानसिक बीमार व्यक्तियों का उपचार भी यह बोर्ड सुनिश्चित करेगा।

कोरोना के बाद बिहार में बढ़ी है मानसिक रोगियों की संख्या

कोरोना के बाद बिहार में मानसिक रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

कोरोना के कारण भागती-दौड़ती जिंदगी में अचानक ब्रेक लग गया। लोग घरों में बैठकर टीवी और मोबाइल में खोए रहे।

लंबे समय तक वायरस के डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाला।

इसके अलावा सामाजिक और पारवारिक रूप से बढ़े अकेलेपन के कारण भी मानसिक अवसाद बढ़ रहा है।

डिप्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एक आकलन के अनुसार हर 10वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में मानसिक बीमारी से ग्रसित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *