राजस्थान में अगले साल चुनाव होने से पहले सूबे में भाजपा किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे सिंधिया को केंद्र सरकार में शामिल करने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य में नए नेतृत्व की राह खुल सके। सूत्रों ने कहा कि हाल ही में राजे की दिल्ली यात्रा इसी को लेकर थी।

जानकारी के मुताबिक, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत टीम खड़ी करकने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश नेतृत्व को पूरी तरह से बदलना चाहती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में बिना किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाला चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा।

केन्द्र में वसुंधरा, अंतर्कलह पर लगेगी लगाम!
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाता है, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वसुंधरा को सीएम बनाया जाएगा। ऐसे मौके पर वह सिर्फ यह कर सकती हैं कि केन्द्र में उन्हें जो भी जगह मिले, उसे स्वीकार करें और अपने बेटे का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करें। पार्टी को यह भी लगता है कि राजे को केंद्र में भेज देने से पार्टी राज्य के नेताओं की अंतर्कलह पर लगाम लगाकर कांग्रेस को हराने पर ध्यान केन्द्रित कर पाएगी। 

पूर्वी राजस्थान पर फोकस कर रही भाजपा
आपको बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो अप्रैल को एसटी मोर्चा द्वारा आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने सवाई माधोपुर में होंगे। भाजपा पूर्वी राजस्थान और उसके क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखने वाले आदिवासी वोटर्स पर फोकस कर रही है। गौरतलब है कि राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा को लगता है कि राज्य में नेतृत्व बीते चुनाव में बड़ा मुद्दा था, और यह भी एक कारण था कि पार्टी वहां चुनाव हार गई।

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