बाइकबाइक



सहरसा जिले में इन दिनों बाइक चोरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि चोर बेखौफ होकर दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दे रहे हैं, जबकि पुलिस की निष्क्रियता लोगों के बीच चिंता और आक्रोश का विषय बनती जा रही है। ताजा मामला शहर के सबसे व्यस्त इलाके नया बाजार का है, जहां एक निजी क्लीनिक के बाहर खड़ी बाइक को चोरों ने चंद मिनटों में गायब कर दिया, और पुलिस अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

बाइक


यह घटना सोनवर्षा कचहरी निवासी अरुण शर्मा के साथ हुई, जो इलाज के लिए नया बाजार स्थित डॉ. सीमा झा के निजी क्लीनिक पहुंचे थे। उन्होंने अपनी नई चमचमाती लाल रंग की ग्लैमर बाइक क्लिनिक के सामने पार्क की थी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि चोर उनकी हरकत पर नजर रखे हुए हैं। चंद मिनटों बाद ही एक काली बाइक पर सवार दो संदिग्ध युवक वहां पहुंचे। इनमें से एक क्लिनिक की ओर गया, मानो किसी काम से आया हो, जबकि दूसरा युवक अरुण शर्मा की बाइक के पास खड़ा हो गया।

कुछ ही देर में उस युवक ने मास्टर चाबी की मदद से बाइक स्टार्ट की और तेजी से फरार हो गया। उसका साथी भी कुछ ही देर बाद क्लिनिक से बाहर निकला और दूसरी बाइक से भाग निकला। यह पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ-साफ रिकॉर्ड हो गई है।

अब सवाल ये उठता है कि जब सबूत मौजूद हैं, सीसीटीवी फुटेज में चोरों के चेहरे साफ दिख रहे हैं, तो फिर पुलिस अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर पाई? अरुण शर्मा द्वारा तुरंत सदर थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई, लेकिन अब तक न कोई एफआईआर दर्ज हुई, न ही बाइक की बरामदगी को लेकर कोई कदम उठाया गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही की वजह से बाइक चोरों के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं। आए दिन शहर के विभिन्न इलाकों से बाइक चोरी की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन कार्रवाई न के बराबर हो रही है।

नया बाजार जैसे व्यस्त इलाके में दिनदहाड़े इस तरह की वारदात होना दर्शाता है कि चोरों को पुलिस का कोई डर नहीं है। सवाल उठता है कि जब करोड़ों की लागत से शहरभर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, तब भी ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा है?

नगर निगम और जिला प्रशासन ने शहर की सुरक्षा के नाम पर कई योजनाएं चलाईं, लेकिन हकीकत यह है कि वह सब फाइलों और उद्घाटन समारोह तक ही सीमित रह गई हैं। आम नागरिकों में इस बात को लेकर भारी असंतोष है कि अपराधियों को खुली छूट मिल चुकी है, जबकि पुलिस महज तमाशबीन बनी हुई है।

शहरवासियों की मांग है कि पुलिस प्रशासन जल्द से जल्द सक्रियता दिखाए और बाइक चोरी की इस घटना में शामिल आरोपियों को पकड़कर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही शहर में सक्रिय बाइक चोर गिरोह के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया जाए, ताकि लोगों का पुलिस पर विश्वास बहाल हो सके।

जब तक अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आम लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते रहेंगे। अगर पुलिस ने समय रहते चेतावनी नहीं ली, तो आने वाले दिनों में सहरसा जैसे शांत शहर की पहचान बदलने में देर नहीं लगेगी।

 

 

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