पटना के बाढ़ स्थित एनटीपीसी के प्लांट से 660 मेगावाट की चौथी इकाई ने सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया, इससे अब बिहार को बाजार से बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी।
बिहार में एनटीपीसी संयंत्रों से बिजली आवंटन 6560 मेगावाट से बढ़कर 6943 मेगावाट हो जाएगा, जबकि वर्तमान में बिहार की अधिकतम औसत बिजली की खपत 6700 मेगावाट है।
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के मानदंडों के अनुसार एनटीपीसी बाढ़ के स्टेज-1 की दूसरी यूनिट ने शुक्रवार दोपहर करीब 1300 बजे अपने 72 घंटे के फुल लोड ट्रायल-रन ऑपरेशन लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।
फुल लोड ट्रायल-रन ऑपरेशन के सफल होने का मतलब है कि बाढ़ संयंत्र के स्टेज-1 की दूसरी इकाई आधिकारिक तौर पर वाणिज्यिक उत्पादन के लिए तैयार है और इससे बिहार, ओडिशा, झारखंड और सिक्किम जैसे लाभार्थी राज्यों को 660 मेगावाट तक बिजली जल्द मिलने लगेगी।
साथ ही कुल अनुमानित 21000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बाढ़ प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 1980 मेगावाट से बढ़कर 2640 मेगावाट हो गई है।
383 मेगावाट बिहार को
बाढ़ सुपर थर्मल पावर से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इनमें से 1526 मेगावाट बिहार को मिल रही है।
एनटीपीसी प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि बाढ़ स्टेज-एक की इस यूनिट से उत्पादित बिजली का 383 मेगावाट बिहार को मिलेगा, शेष झारखंड, ओडिशा और सिक्किम को आवंटित किया जाएगा।
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