बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एक ओर महागठबंधन के अंदर सीटों की दावेदारी को लेकर खींचतान जारी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन को मतदान से पहले ही बड़ा झटका लगा है। पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली विधानसभा सीट से महागठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया है। इस तरह बिना चुनाव लड़े ही गठबंधन ने एक महत्वपूर्ण सीट गंवा दी है।

 

सुगौली सीट महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में आई थी। पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने आरजेडी विधायक शशि भूषण सिंह को इस सीट से प्रत्याशी बनाया था। लेकिन नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उनके कागजात में गंभीर त्रुटि पाई गई। जांच के बाद निर्वाचन पदाधिकारी ने उनका नामांकन निरस्त कर दिया।

 

**क्यों हुआ नामांकन रद्द?**

निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, वीआईपी पार्टी अभी तक रजिस्टर्ड राजनीतिक दल नहीं है। ऐसे में उसके प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करते समय कम से कम 10 प्रस्तावक साथ ले जाने होते हैं। लेकिन शशि भूषण सिंह ने 2020 की तरह इस बार भी खुद को आरजेडी उम्मीदवार मानकर सिर्फ एक प्रस्तावक के साथ ही नामांकन दाखिल कर दिया। जांच के दौरान यह गलती सामने आई और निर्वाचन अधिकारी ने नियमों के तहत उनका नामांकन रद्द कर दिया।

 

**पांच उम्मीदवारों के नामांकन रद्द**

सुगौली विधानसभा सीट से कुल 5 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए हैं। इनमें शशि भूषण सिंह (वीआईपी), गयासुद्दीन सामानी (आप), सदरे आलम (अपनी जनता पार्टी), तथा दो निर्दलीय उम्मीदवार कृष्ण मोहन झा और ओमप्रकाश चौधरी शामिल हैं। इन सभी के शपथ पत्र या नामांकन पत्र अपूर्ण पाए गए।

 

**अब मुकाबला एनडीए बनाम जन सुराज**

शशि भूषण सिंह के नामांकन रद्द होने के बाद अब सुगौली सीट पर मुकाबला लगभग तय माना जा रहा है। एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है, जबकि जन सुराज पार्टी से अजय कुमार झा मैदान में हैं। अधिकांश अन्य प्रत्याशी निर्दलीय या छोटे दलों से हैं। ऐसे में अब मुकाबला एनडीए और जन सुराज के बीच सिमटता नजर आ रहा है।

 

**पहले चरण में भी एनडीए को झटका**

गौरतलब है कि इससे पहले सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट पर एनडीए प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया था। सीमा सिंह लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से उम्मीदवार थीं। इस वजह से मढ़ौरा सीट पर अब आरजेडी उम्मीदवार जितेंद्र राय का मुकाबला आसान हो गया है।

 

इस तरह 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में मतदान शुरू होने से पहले ही एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों को एक-एक सीट का नुकसान हो चुका है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की तकनीकी गलतियाँ चुनावी रणनीति पर असर डाल सकती हैं, खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला पहले से ही कड़ा माना जा रहा था।

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