बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी है। सोमवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए अरवल जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय में कार्यरत प्रधान लिपिक मनोज कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष कुमार शर्मा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व में की गई।
इस मामले की शुरुआत हुई थी 21 अप्रैल को, जब अरवल जिले के मेहंदिया थाना क्षेत्र निवासी कृष्णनन्द सिंह ने निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, मनोज कुमार और संतोष कुमार ने सेवांत लाभ यानी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों के भुगतान के एवज में उनसे 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद ब्यूरो ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्परता से कार्रवाई शुरू की।
ब्यूरो ने सबसे पहले शिकायत की सत्यता की जांच कराई। जांच में यह प्रमाणित हो गया कि दोनों आरोपी अधिकारियों ने वास्तव में शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी थी। शिकायत सही पाए जाने पर निगरानी ब्यूरो ने एक विशेष टीम गठित की, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार कर रहे थे।
ब्यूरो की योजना के तहत शिकायतकर्ता को आरोपियों को तय की गई रिश्वत की राशि सौंपने के लिए भेजा गया। जैसे ही दोनों आरोपियों ने भवानी होटल के पास तय स्थान पर 50 हजार रुपये की राशि स्वीकार की, पहले से मौजूद निगरानी टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तार करते समय दोनों के पास से रिश्वत की पूरी रकम बरामद कर ली गई।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें विशेष निगरानी न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू होगी।
ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है और किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को इस तरह के गैरकानूनी कार्यों में लिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई इस दिशा में एक अहम कदम है।
इस कार्रवाई से न केवल सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बनाए रखने का संदेश गया है, बल्कि इससे उन आम नागरिकों का भी भरोसा बढ़ा है जो अक्सर सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार की वजह से परेशान रहते हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो वे बिना झिझक शिकायत दर्ज कराएं ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
बिहार सरकार और निगरानी ब्यूरो की यह मुहिम राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में लगातार सक्रिय है। अरवल की यह कार्रवाई एक मिसाल बन सकती है, जो सरकारी सिस्टम में जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देगी।