टेलीग्राम के संस्थापक पावेल डुरोव एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह न तो टेक्नोलॉजी है, न कोई नया ऐप अपडेट—बल्कि हैरान कर देने वाली उनकी निजी जिंदगी है। अरबों की संपत्ति के मालिक डुरोव ने खुलासा किया है कि वे अपनी करीब **₹1.5 लाख करोड़ की दौलत** दुनिया भर में फैले **106 बच्चों** में बांटेंगे।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये 106 बच्चे उनके स्पर्म डोनेशन से पैदा हुए हैं, जो उन्होंने पिछले 15 वर्षों में 12 देशों में किए। डुरोव ने बताया कि यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब एक दोस्त ने उन्हें स्पर्म डोनेट करने के लिए कहा क्योंकि उसकी पत्नी को गर्भधारण में दिक्कत थी। मज़ाक में शुरू हुई यह बात जल्द ही गंभीर रूप ले बैठी, और क्लिनिक ने उन्हें ‘हाई क्वालिटी डोनर’ करार दिया। इसके बाद उन्होंने इसे एक मिशन की तरह लिया और धीरे-धीरे उनके जैविक बच्चों की संख्या 100 से भी पार हो गई।
इन 106 बच्चों में से 6 बच्चे उनकी तीन अलग-अलग पार्टनर्स से हैं, जबकि बाकी स्पर्म डोनेशन से जन्मे हैं। लेकिन डुरोव सभी बच्चों को समान मानते हैं—चाहे वे प्राकृतिक रूप से पैदा हुए हों या कृत्रिम प्रक्रिया से।
अब बात करते हैं उस वसीयत की, जिसने सबको चौंका दिया है। डुरोव ने साफ किया है कि उनके बच्चों को **2055 से पहले** उनकी दौलत में से एक भी पैसा हाथ नहीं लगेगा। यानी अगले 30 वर्षों तक ये बच्चे केवल अपने दम पर ज़िंदगी गुज़ारेंगे। डुरोव चाहते हैं कि उनके बच्चे खुद मेहनत कर जीवन बनाएं, दौलत के भरोसे न रहें।
पावेल डुरोव को रूस का **एलन मस्क** या **मार्क ज़ुकरबर्ग** कहा जाता है। 22 साल की उम्र में उन्होंने रूस का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क **VKontakte** बनाया था। बाद में रूस सरकार से टकराव के चलते 2014 में उन्होंने देश छोड़ दिया और **टेलीग्राम** की शुरुआत की। आज टेलीग्राम दुनिया की सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स में शुमार है, जिसके 100 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।
डुरोव इस वक्त रूस, फ्रांस, यूएई और सेंट किट्स एंड नेविस जैसे कई देशों की नागरिकता रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इंटरनेट पर आज़ादी के लिए लड़ाई के कारण उनकी कई ताकतवर देशों से दुश्मनी है। इसी वजह से उन्होंने पहले ही वसीयत तैयार कर ली है, ताकि अगर भविष्य में कुछ भी हो जाए, तो उनके बच्चों को कोई परेशानी न हो।
पावेल डुरोव की यह अनोखी कहानी एक तरफ जहां इंसान की संभावनाओं की नई मिसाल पेश करती है, वहीं दूसरी तरफ दौलत, जिम्मेदारी और जीवन मूल्यों को लेकर भी गहरी सोच को जन्म देती है।
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