रेलवे बोर्ड ने बालासोर रेल हादसे की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ट्रेन हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों और कारणों की पहचान हो गई है। ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ और ‘प्वाइंट मशीन’ प्रणाली में गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ। ये दोनों प्रणालियां रेलवे सिग्नल के लिए अहम होती हैं।
मंत्री ने कहा, इन प्रणालियों की सेटिंग में बदलाव किया गया था। यह कैसे और क्यों किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में होगा।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे सभी जानकारियां सामने होंगी। इस बीच हादसे के 51 घंटे के बाद एक मालगाड़ी गुजारी गई।
इसके बाद दो और ट्रेनें चलाई गई। रेल मंत्री वैष्णव ने देर रात सात ट्रेनों के इस ट्रैक पर से गुजरने का शेडॺूल बताया। इस दौरान वे भावुक हो गए। रेल मंत्री ने घटना के लिए ड्राइवर की गलती से इनकार किया है।
क्या है यह प्रणाली
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग रेलवे सिग्नल प्रणाली को नियंत्रित करने में इस्तेमाल में लाई जाती है। इंटरलॉकिंग का मतलब है कि अगर लूप लाइन सेट है, तो लोको पायलट को मेन लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा।
वहीं, अगर मेन लाइन सेट है, तो लूप लाइन का सिग्नल नहीं मिलेगा। सिग्नल रेल लाइन और ट्रेनों के बीच ऐसा सिस्टम तैयार करती है, जो ट्रेनों को टकराने से बचाती है।
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