भागलपुर । आईएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने कहा कि शुगर की बीमारी एक साइलेंट किलर है। शुगर से बचाव को लेकर लोगों में जागरूकता लाना बहुत जरूरी है। क्योंकि बहुत से लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उन्हें शुगर की बीमारी है। जब तक उन्हें पता चलता है, तब तक उनका बहुत नुकसान हो चुका होता है।
डॉ. सिंह सोमवार को आईएमए हाल में आईएमए भागलपुर व एपीआई भागलपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित पत्रकारवार्ता में मीडिया से मुखातिब थे। एपीआई के नेशनल एक्जीक्यूटिव मेंबर डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि गलत खानपान व जीवनशैली के कारण देश के सात करोड़ लोग शुगर की चपेट में और करीब इतने ही लोग प्री डायबिटिक यानी शुगर के बीमार होने के कगार पर हैं। खाने में हरी सब्जी व प्रोटीन का कम सेवन और कार्बोहाइड्रेट व खाने वाले तेल का ज्यादा इस्तेमाल शुगर की बीमारी को दावत देना है। उन्होंने कहा कि नियमित एक्सरसाइज या फिर शाम में टहलकर या फिर साइकिलिंग कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। जिन्हें शुगर की बीमारी है, वे हर आधे घंटे में टहलें और रोज रात में दस बजे से सोएं और सुबह पांच बजे जग जाएं।
वरीय चिकित्सक डॉ. एके सिन्हा ने कहा कि शुगर बढ़ने पर इसका असर हृदय, किडनी, आंखों पर पड़ता है। शुगर हो तो ग्लूकोमीटर के जरिये दिन में चार बार शुगर जांच करें। खाली पेट व खाने के बाद का शुगर जांच कराना है तो उसे भी माह में कम से कम दो बार शुगर की जांच कराएं। क्योंकि शुगर के मरीजों में ग्लाइसेमिक वेरिएशन बहुत होता है। एपीआई भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. भारत भूषण ने कहा कि उचित आहार-विहार करके शुगर की बीमारी से दूर रहा जा सकता है। अगर शुगर है तो आंखों की नियमित जांच कराते रहें। एपीआई भागलपुर के सचिव डॉ. आरपी जायसवाल ने कहा कि शुगर की बीमारी का पता लगते ही पहले आंखों की जांच कराएं। ताकि पता चल सके कि शुगर ने आंखों पर कितना नकारात्मक प्रभाव डाला है। आईएमए भागलपुर के सचिव डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि अगर शुगर लेवल 70 से 170 के बीच है तो डरने की जरूरत नहीं है। अपनी जीवनशैली को बेहतर करके शुगर की बीमारी से बचे रह सकते हैं।
नि:शुल्क शुगर जांच शिविर आयोजित
मधुमेह जागरूकता कार्यक्रम के तहत आईएपी व आईएमए भागलपुर द्वारा संयुक़्त रूप से नि:शुल्क जांच शिविर का आयोजन डॉ. आरपी जायसवाल के क्लीनिक में सोमवार को किया गया। इस मौके पर 40 लोगों की शुगर जांच की गयी। इनमें से 26 लोगों में शुगर बढ़ा मिला। इन 26 लोगों को दवा एवं सलाह देकर घर भेज दिया गया। इस मौके पर डॉ. आरपी जायसवाल, आईएमए भागलपुर के सचिव डॉ. मनीष कुमार, सैय्यद जीजाह हुसैन, विश्वजीत चौधरी आदि की मौजूदगी रही।