भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड में आधार सेवा केंद्रों पर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे वसूले जाने की शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने आरोप लगाया है कि फिंगरप्रिंट अपडेट, मोबाइल नंबर जोड़ने, पता सुधार, नाम सुधार जैसी सामान्य सेवाओं के लिए प्रति व्यक्ति ₹100 से ₹125 तक लिए जा रहे हैं, जबकि कई सेवाओं का आधिकारिक शुल्क ₹50 से भी कम है। वास्तविक शुल्क और वसूली गई राशि के बीच इस बड़े अंतर ने आम जनता में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, आधार केंद्र लेनदेन की पर्ची तो देते हैं, लेकिन पर्ची पर दर्ज शुल्क और केंद्रों द्वारा वसूले गए वास्तविक पैसे में भारी अंतर रहता है। लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए यह अतिरिक्त शुल्क न केवल आर्थिक बोझ बन गया है, बल्कि मनमानी वसूली उनकी मजबूरी का फायदा उठाने जैसा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि सही जानकारी न होने का लाभ उठाकर केंद्र चालक अपनी मनचाही राशि मांगते हैं, और जरूरतमंद नागरिक मजबूर होकर भुगतान कर देते हैं।
गांवों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जबकि UIDAI के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि किसी भी आधार अपडेट सेवा के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक लेना नियम विरुद्ध है। इसके बावजूद क्षेत्र के कई केंद्र खुलकर निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि आधार सेवा केंद्रों को नियमों और पारदर्शिता के तहत काम करना चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति पूरी तरह उलट है।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन, UIDAI और संबंधित विभागों से तुरंत जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इन केंद्रों पर नजर नहीं रखी गई तो ग्रामीण लगातार आर्थिक रूप से शोषित होते रहेंगे। लोगों ने यह भी आग्रह किया कि प्रशासन ऐसे केंद्र संचालकों पर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में कोई भी मनमाने तरीके से शुल्क वसूलने की हिम्मत न कर सके।
ग्रामीणों का कहना है कि आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र है और उसकी सेवाएं सभी के लिए आसानी से सुलभ और किफायती होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान स्थिति में मनमानी वसूली के कारण आम नागरिकों को अनावश्यक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन शीघ्र हस्तक्षेप कर नियमों का पालन सुनिश्चित करेगा, ताकि सभी को आधार सेवाएं सही दरों पर मिल सकें।
