पत्नियों ने पतियों के सामने एक महीने में नौकरी तलाशने की शर्त रखी थी। पतियों द्वारा तीन सप्ताह में नौकरी खोजने पर रविवार को पत्नियां उनके साथ घर लौटने को राजी हो गईं। वह पुलिस परिवार परामर्श केंद्र से ही उनके साथ विदा हो गईं।
जगदीशपुरा इलाके की रहने वाली सगी बहनों की शादी एक ही घर में सगे भाइयों से चार पहले हुई थी। उनके पति जूता फैक्ट्री में काम करते थे। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते पतियों की नौकरी छूट गई। जिसके बाद दंपतियों के बीच आए दिन रार होने लगी। विवाद बढ़ने पर दोनों की बहनें चार महीने पहले मायके आ गईं। पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में कर दी।
मामला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में भेजा गया। यहां पर काउंसलिंग के दौरान विवाद की मूल वजह निकलकर सामने आई। काउंसलर के समझाने पर पत्नियां इस बात पर राजी हो गईं कि पति यदि एक महीने में नौकरी खोज लेते हैं तो वह उनके साथ घर चलने को तैयार हैं। पत्नियों के शर्त रखने पर पतियों ने तीन सप्ताह में प्रयास के बाद एक जूता कारखाने में काम तलाश लिया। रविवार को उन्होंने काउंसलर व पत्नियों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पत्नियां उनके साथ चली गईं। परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि काउंसलिंग के बाद 10 जोडों में सुलह हो गई।
परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि काउंसलिंग के लिए 78 लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था। जिसमें दोनों पक्ष के 15 लोग आए। जबकि एक पक्ष के 25 लोग उपस्थित हुए। वहीं, 38 जोड़े अनुपस्थित रहे। इसमें दोनों पक्ष के नौ एवं एक पक्ष के 20 लोगों को अगली तारीख दी गई है।