दुर्गा पूजा 2022 शारदीय नवरात्र की तैयारी आरंभ कर दी गई है। मां का आगमन और प्रस्थान हाथी पर हो रहा है। जो शुभ है। इस बारे में स्‍वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि मां भगवती की कृपा भक्तों पर विशेष रहेगी।

खगडिय़ा। दुर्गा पूजा 2022 : शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से आरंभ हो रहा हैं। पांच अक्टूबर को विजयादशमी है। शारदीय नवरात्र को लेकर अभी से तैयारी आरंभ हो गया है। दुर्गा मंदिरों मंदिरों की साफ-सफाई, रंग-रोगन का काम शुरू हो गया है। प्रतिमा निर्माण, पंडाल निर्माण को लेकर जोरों से तैयारी है। कुछेक जगहों पर रावण बध का भी आयोजन किया जाता है। चौथम में दशहरा पर महिषासुर बध का आयोजन किया जाता है। जिसको लेकर तैयारी शुरू है। कोरोना के कारण दो वर्ष से विजयादशमी पर खास आयोजन नहीं हो पा रहा था। लेकिन इस वर्ष जगह-जगह देवी जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने बताया कि मां दुर्गा का आगमन एवं प्रस्थान गज (हाथी) पर है। जो अच्छी वर्षा का संकेत है। किसान के साथ साथ देश को समृद्धि प्रदान करने में अहम योगदान करेगा। परम शक्ति मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्र सर्वोत्तम समय माना जाता हैं। इसमें भी शारदीय नवरात्र का सर्वाधिक महत्व है। विदेशों में भी रहने वाले भारतीय इस महाव्रत को करते हैं। कहा जाता है कि भगवान राम ने भी नवरात्र कर देवी को प्रसन्न कर विजयादशमी के दिन रावण का संहार किया था। श्रद्धा, विश्वास से उर्जा और शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना से आज भी भक्त शांति और आत्म बल प्राप्त करते हैं। 

26 सितंबर (सोमवार) : पहला दिन – मां शैलपुत्री पूजा

27 सितंबर (मंगलवार) : दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

28 सितंबर (बुधवार) : तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा पूजा

29 सितंबर (गुरुवार) : चौथा दिन – मां कुष्मांडा पूजा, विनायक चतुर्थी, उपांग ललिता व्रत

30 सितंबर (शुक्रवार) : पांचवां दिन – पंचमी, मां स्कंदमाता पूजा

एक अक्टूबर ( शनिवार ): छठा दिन – षष्ठी, माता कात्यायनी पूजा

दो अक्टूबर (रविवार): सातवां दिन – सप्तमी, मां कालरात्रि पूजा

तीन अक्टूबर (सोमवार): आठवां दिन – दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, महानवमी

चार अक्टूबर (मंगलवार) : नौवां दिन – महानवमी, शारदीय नवरात्रि का पारण

पांच अक्टूबर (बुधवार) 10वां दिन – दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी (दशहरा)

इस वर्ष मां भगवती की कृपा भक्तों पर बरसेगी। भक्त अपनी श्रद्धा, निष्ठा एवं भक्ति से मां की आराधना करेंगे, उनका कल्याण होगा।

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और हर दिन मां के एक रूप को समर्पित है।

स्वामी आगमानंद जी महाराज ने बताया कि इस वर्ष नवरात्र कलश स्थापना अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 26 सितंबर सोमवार को है। विजयादशमी पांच अक्टूबर बुधवार को हैं। इस बार मां का आगमन एवं प्रस्थान शुभ संकेत है। सभी समाजिक, प्राकृतिक आपदाओं से मां दुर्गा उबारती है। इस बार शारदीय नवरात्र में वर्षा होने की प्रबल संभावना है।

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