राज्य के सरकारी स्कूलों में भी अब बच्चों का आधार कार्ड बन सकेगा। इसको लेकर जल्द ही प्रदेश के सभी 534 प्रखंडों के दो-दो (माध्यमिक-उच्चतर माध्यमिक) स्कूलों में आधार मशीनें लगेंगी।
साथ ही आधार कार्ड बनाने के लिए तकनीकी कर्मियों और अन्य व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) के राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर शीघ्र उक्त व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
पत्र में श्री पाठक ने कहा है कि प्रखंड में स्थापित किसी दो साधन संपन्न स्कूलों का चयन कर, वहां पर आधार मशीनों को स्थापित कराएं।
स्कूल के चयन में इसका भी ध्यान रखा जाएगा कि उसके छात्र कोष और विकास कोष में पर्याप्त राशि हो। ताकि, आधार कार्ड बनाने में किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
स्कूलों में यह सुविधा होने से जिन विद्यार्थियों का आधार कार्ड नहीं बना है, उनका आसानी से यहां बन जाएगा। इसको लेकर संबंधित स्कूल के प्राधानाध्यापक को प्राधिकृत किया गया है कि वह बीएसएनएल अथवा किसी अन्य का नेटवर्क ले सकते हैं।
साथ ही वे दो डाटा इंट्री ऑपरेटरों को अपने यहां बेल्ट्रॉन के अनुमोदित दर पर रख सकते हैं, जो आधार मशीनों का संचालन करेंगे।
पत्र में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच सालों से राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के गोदाम में 1058 आधार मशीनें सड़ रही हैं, जिन्हें अविलंब संचालित करना आवश्यक है। इसके लिए चिह्नित कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मिड-डे मील कार्यालय का किया निरीक्षण
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने गुरुवार को मिड-डे मील, पाठ्यपुस्तक निगम और राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद कार्यालय का निरीक्षण किया।
श्री पाठक ने पदाधिकारियों के कक्ष समेत हर कमरे का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों व कर्मियों से बात भी की और कई जानकारियां भी ली।
मालूम हो कि बकरीद की छुट्टी रहते हुए भी गुरुवार को आवश्यक कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और इससे जुड़े कार्यालय खुले हुए थे।
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