भागलपुर। मायागंज अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज के परिजन से मोबाइल चोरी कर भाग रहे युवक को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। घटना के दौरान मौजूद लोगों ने युवक को पकड़ते ही उसकी जमकर पिटाई कर दी। बाद में अस्पताल के सुरक्षा गार्ड ने युवक को पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन इसी दौरान भीड़ का फायदा उठाकर आरोपी युवक पुलिस की पकड़ से फरार हो गया।
घटना के बाद अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया। अस्पताल में इलाज कराने आए अन्य मरीजों और उनके परिजनों ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि अस्पताल जैसे स्थान पर इस तरह की घटनाएँ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। वहीं सुरक्षा गार्डों ने भी इस घटना के बाद सतर्कता बढ़ाने की बात कही।
बरारी थाना पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर अस्पताल प्रबंधन से घटना की जानकारी ली। पुलिस ने आरोपी युवक की पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अपनी पत्नी के साथ अस्पताल के दवा काउंटर के पास खड़ा था। दवा लेने का बहाना बनाकर उसने मौके का फायदा उठाकर मोबाइल चोरी करने का प्रयास किया। पूछताछ में यह भी सामने आया कि चोरी की नीयत पहले से थी।
पुलिस अब फरार आरोपी युवक की तलाश में जुट गई है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि उसकी पहचान कर गिरफ्तारी की जा सके। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आरोपी को जल्द पकड़ लिया जाएगा और अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा।
अस्पताल में मौजूद मरीजों के परिजनों ने कहा कि अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा नहीं है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से इलाज कराने आए लोग असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से अस्पताल में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, गार्ड की तैनाती मजबूत करने और सतर्कता बढ़ाने की मांग की है।
मायागंज अस्पताल क्षेत्र में पहले भी छोटी-मोटी चोरी और छिनैती की घटनाएँ सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार पकड़ा गया युवक पुलिस की गिरफ्त से भाग निकला, जिससे सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लिया है और मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही है।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और आसपास के इलाकों में गश्ती बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए ताकि इलाज कराने आए मरीजों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।