शहरों में रात्रि गश्ती के लिए नए सिरे से बीट तय की जाएंगी। साथ ही इसके लिए प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का दायित्व भी तय किया जाएगा। जिला, अनुमंडल मुख्यालय वाले शहरों के साथ प्रमुख बाजार में इसपर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। डीजीपी एसके सिंघल ने गुरुवार को पुलिस के सभी प्रभागों की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह आदेश दिया। पुलिस मुख्यालय में हुई इस बैठक में पुलिसिंग से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई और अफसरों को टास्क सौंपे गए।
वरीय अधिकारी करेंगे रात्रि गश्ती की चेकिंग : डीजीपी ने रात्रि गश्ती को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए चेकिंग का भी निर्देश दिया है। जिला स्तर पर वरीय पदाधिकारी इसकी अक्सर चेकिंग करेंगे। वहीं पुलिस मुख्यालय के स्तर से भी टीम रात्रि गश्ती की चेकिंग करने जाएगी। डीजीपी ने गिरफ्तार किए अपराधियों से पूछताछ पर में कई बिंदुओं पर तहकीकात करने का भी निर्देश दिया है।
अपराधियों से उनके पुराने संपर्क को लेकर भी तहकीकात की जाएगी। उन्होंने बालू, शराब और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल बदमाशों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने का भी टास्क सौंपा है। जिला पुलिस को दिए गए इस टास्क की मॉनिटरिंग एडीजी विधि-व्यवस्था करेंगे।
शहरी क्षेत्र में हर हाल में रोकें शराब की बिक्री : डीजीपी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में शराब की बिक्री किसी भी परिस्थिति में नहीं हो। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का टास्क सौंपा गया है। शराब की बरामदगी के लिए ड्रोन, मोटरबोट के साथ नई तकनीक आदि के इस्तेमाल भी जोर-शोर से होगा। इसकी मॉनिटरिंग आईजी मद्य निषेध को दी गई है। इस दौरान मद्य निषेध के लिए गठित एंटी लीकर टास्क फोर्स और गंभीर अपराधों में गिरफ्तारी के लिए बनी ‘वज्र’ के कामकाज पर भी चर्चा हुई।
15 दिनों में चरित्र प्रमाण पत्र का सत्यापन : एडीजी ने चरित्र प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन का काम 15 दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है। इसकी मॉनिटरिंग जिले के एसपी को सौंपी गई है।
तीन महीने पर होगी रेंज आईजी-डीआईजी की बैठक
एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने निर्देश दिया कि अपराध ग्रस्त क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए। वहीं जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारियों को औचक निरीक्षण और छापेमारी का भी टास्क सौंपा गया। उन्होंने प्रत्येक तीन माह पर रेंज आईजी-डीआईजी की बैठक मुख्यालय स्तर पर करने को कहा। साथ ही इन्हें उनके नियंत्रण वाले जिलों के एसपी के कामकाज की समीक्षा गहन समीक्षा की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।