सावन माह की अंतिम सोमवारी पर रविवार को श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। भागलपुर जिले के जगदीशपुर मार्ग से होकर लाखों डाकबम कांवरियों का विशाल जत्था ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ शिवधाम की ओर रवाना हुआ। पूरे मार्ग में भक्ति का माहौल इस कदर छाया हुआ था कि हर कोई शिवमय हो गया।

डीजे पर बजते शिव भक्ति गीतों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की थाप पर कांवरिए थिरकते हुए उत्साहपूर्वक अपने गंतव्य की ओर बढ़ते रहे। पुरुषों के साथ महिलाएं और युवा भी कांवर यात्रा में पूरे समर्पण के साथ शामिल थे। जगह-जगह भगवा वस्त्रधारी डाकबम अपनी विशेष गति से दौड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे, जो इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण और आकर्षक पहलू होता है।

कांवरियों की सेवा में भी स्थानीय समाजसेवी संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी वर्ग पीछे नहीं रहे। सन्हौला मोड़, जगदीशपुर, अस्पताल चौक, भवानीपुर, अंगारी मोड़ और बलुआचक जैसे प्रमुख स्थलों पर फल, शरबत, ठंडा पानी, नमकीन और दवाइयों की निशुल्क व्यवस्था की गई थी। सेवा शिविरों में दिन-रात कार्यरत स्वयंसेवक कांवरियों को राहत पहुंचाने में जुटे रहे। कुछ स्थानों पर प्राथमिक उपचार की सुविधा भी दी गई थी, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से निपटा जा सके।

इन शिवभक्तों का मुख्य गंतव्य बासुकीनाथ धाम है, जहां वे भागलपुर गंगा घाट से जल भरकर जलाभिषेक करते हैं। इसके अलावा कई कांवरिए जेठौर नाथ, घनकुंड नाथ और गोनूधाम जैसे क्षेत्रीय शिवधामों की भी यात्रा करते हैं। डाकबम कांवरियों के लिए यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, आत्मसंयम और सेवा की मिसाल होती है।

सावन माह की हर सोमवारी को लाखों कांवरिए शिवभक्ति में लीन होकर पैदल या दौड़ते हुए शिवधामों तक की यात्रा करते हैं, परंतु अंतिम सोमवारी का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से भगवान शिव विशेष कृपा बरसाते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पूरे सावन माह कांवरियों की सेवा में लगे संस्थाओं का यह समर्पण भी काबिले तारीफ है, जो निस्वार्थ भाव से दिन-रात सेवा में लगे रहते हैं। श्रद्धा, सहयोग और अनुशासन के साथ सम्पन्न यह यात्रा समाज में धार्मिक एकता और सेवाभाव का भी संदेश देती है।

सावन की अंतिम सोमवारी पर कांवर यात्रा का यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत झलक भी प्रस्तुत कर रहा था।

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