अप्रैल महीने में पड़ रही जानलेवा गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हो रही है। पटना के सभी छोटे बड़े स्कूल खुल चुके हैं। स्कूलों का संचालन भी मॉर्निंग शिफ्ट में हो रहा है लेकिन छुट्टी के वक्त पड़ने वाली जानलेवा गर्मी की वजह से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। तेज गर्मी और धूप की वजह से स्कूली बच्चों के बीमार होने के आंकड़ों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। मौसम में बदलाव और तापमान में इजाफा डिहाइड्रेशन, चक्कर आना उल्टी और दस्त जैसी शिकायत को बढ़ा रहा है। पटना के अस्पतालों में बीमार बच्चों की संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है।

पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और एम्स जैसे अस्पतालों में छोटी उम्र के बच्चों का इलाज कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। आईजीआईएमएस के शिशु रोग के अलावे ओपीडी में गर्मी की वजह से बीमार हुए बच्चों की संख्या बढ़ी है। पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ एके जायसवाल के मुताबिक हाल के दिनों में ऐसे बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है जो गर्मी जनित रोग से पीड़ित हैं। उधर एम्स के डॉक्टरों का भी कहना है कि पानी की कमी की वजह से बच्चों के बीमार होने के मामले सामने आ रहे हैं तेज बुखार, बेहोशी, पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत ज्यादा है।

जानलेवा गर्मी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पहले ही यह संकेत दे चुका है कि इस बार गर्मी की छुट्टियां पहले कर दी जाएंगी। जिला प्रशासन भी लगातार गर्मी के बढ़ते पारे पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि स्कूलों का परिचालन अभी नए सेशन में शुरू हुई हुआ है लिहाजा जिला प्रशासन इस बात का इंतजार कर रहा है कि स्कूल अपने प्रबंधन को ठीक कर लें। जैसे ही सेशन रेगुलर हो जाएगा वैसे ही गर्मी की छुट्टियों का ऐलान किया जा सकता है। 

हर साल गर्मी की छुट्टियां मई से लेकर जून तक के महीने में होती हैं लेकिन इस बार इसे अप्रैल से ही लागू किया जा सकता है। पटना समेत बिहार के लगभग एक दर्जन जिलों में इस वक्त हीट वेव की स्थिति है हालांकि गुरुवार को पूर्वी हवा चलने से थोड़ी राहत रही लेकिन इसके बावजूद पारा लगातार 40 और उसके ऊपर बना हुआ है।

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