मणिपुर में मुख्यमंत्री पद संभालते ही एन बीरेन सिंह एक्शन में नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने संकेत दिए हैं कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) जल्द ही हट सकता है। 60 सीटों वाले मणिपुर राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने 32 सीटें जीतकर बहुमत के साथ सत्ता बनाने में सफलता हासिल की है। जबकि, भाजपा ने पिछली सरकार नगा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी फ्रंट के समर्थन से बनाई थी।

इंटरव्यू में सीएम सिंह ने राज्य से जल्द ही AFSPA हटने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के कुछ क्षेत्रों की पहचान की है। हमने पहले ही केंद्र सरकार से अनुरोध किया है और मुझे लगता है कि कुछ सकारात्मक चीजें सामने आएंगी। फिलहाल, यह चर्चा में है और मुझे लगता है ऐसा होगा।’ खास बात है कि पूर्वोत्तर राज्यों में AFSPA बड़ा चुनावी मुद्दा होता है।

चुनाव से पहले भी किया था वादा
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले भी सिंह ने AFSPA हटाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, ‘यहां भाजपा की सरकार बनने के बाद हम मणिपुर के कुछ सीमावर्ती जिलों को छोड़कर हम प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री से अफस्पा निरस्त करने के लिए कहेंगे।’

सीएम पद के लिए तनाव से इनकार!
मणिपुर में सीएम के चुनाव को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। खबरें थी कि रेस में विश्वजीत सिंह का नाम भी था। हालांकि, सिंह ने पद के लिए झगड़े की बात को अफवाह बताया है। उन्होंने कहा, ‘यह अफवाह है। सभी का सपना सीएम बनने का हो सकता है। यह लड़ाई नहीं है। सभी सोच सकते हैं, लेकिन फैसले केंद्रीय नेताओं की तरफ से लिए जाते हैं, जो सबसे छोटे स्तर पर शुरुआत से चीजों की निगरानी कर रहे हैं। यह वैसा है, जैसे कृष्ण, अर्जुन को युद्ध के लिए कह रहे हैं। इसके बाद क्या होता है वह आपकी चिंता नहीं है। मैंने भी वही किया।’

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