कोरोना की तीसरी लहर (ओमीक्रोन) ने विवाह भवन संचालकों को दोहरा झटका दिया है। सरकार के आदेश के बाद अब विवाह में 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं। इस कारण कई लोगों ने जनवरी में होनेवाली शादी की तिथि आगे बढ़ा दी है। पिछली बार भी विवाह भवन संचालकों को व्यापार में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

अब उन्हें किराया व कर्मचारियों के खर्च की चिंता सता रही है। जबकि भीखनपुर के रामस्वरूप सिंह ने बताया कि जनवरी में उनके यहां बेटी की शादी होनी थी। लड़का वाला सहरसा से भागलपुर आता। कोरोना के कारण अब शादी माहौल शांत होने के बाद की जाएगी। शहर में तीन से अधिक विवाह भवन का संचालन कर रहे शंकर पटेल ने बताया कि विवाह में कम लोगों के शामिल होने के कारण जनवरी माह की बुकिंग रद्द हो गयी है।

अब माहौल शांत होने के बाद शादी की बात कही है। उन्होंने बताया कि सरकार को शादी में शामिल होनेवालों की संख्या कम-से-कम सौ करना चाहिए था। शादी में न्यूनतम रसोइया, वेटर, नौकर आदि की संख्या ही 20 हो जाती है। ऐसे में 50 की संख्या का पालन कैसे हो पायेगा।

200 लोगों की पार्टी न हो तो बचत भी नहीं होती

चुनिहारी टोला के केटरर विनोद शर्मा ने बताया कि जनवरी में तीन शादियां रद हो गयी हैं। सभी शादी में 200 से 250 लोगों का इंतजाम होना था। सभी लोगों ने यह कहते हुए शादी रद कर दी कि इतनी कम संख्या में परिवार के लोग जब शामिल नहीं होंगे तो अभी शादी करना उचित नहीं होगा।

भवन का किराया भी 50 हजार से अधिक हर माह

केटरेर लालू शर्मा ने बताया कि जनवरी में उनके यहां चार शादियां टल गयी हैं। विवाह भवन संचालकों को दोहरा झटका लगा है। पहले भी कोरोना की दहशत ने व्यापार को मंदा कर दिया था। इस निर्णय से कई लोगों ने अपने घर की शादियां की तिथि आगे बढ़ा दी है। वहीं, शंकर पटेल ने बताया कि विवाह भवन को चलाने में हर माह कम-से-कम 20 हजार रुपये खर्च होता है। बंद होने के बाद भी मैनेजर, स्वीपर, बिजली आदि मद में 20 हजार से अधिक रुपये खर्च होता है। लालू शर्मा ने बताया कि उनका किराया लाखों में है। इसके बाद कर्मचारियों का खर्च भी देना पड़ता है।

नए साल में 87 दिनों तक है शुभ मुहूर्त

कुपेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि इस साल 87 दिन शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त है। जनवरी में 15, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 27, 28, 29 व 30, फरवरी में 4, 5 6, 9, 10, 11, 16, 17, 18, 19, 20 व 21, अप्रैल में 15, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 27, 28, मई में 2, 3, 4, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 24, 25, 26, 31, जून 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 21, 22, 23 व 26, जुलाई 2, 3, 5, 6, 8, नवंबर 4, 26, 27, 28 व दिसंबर माह में 2, 3, 4, 7, 8, 9, 12, 13, 14 व 15 को विवाह का शुभ मुहूर्त है। यह मुहूर्त मिथिला व काशी पंचांग के अनुसार है।

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