बिहार में शराब रोकने के लिए सारे जतन करके हार चुकी नीतीश सरकार ने नया दांव चला है. सरकार ने ये एलान किया है कि अब शराबियों को जेल नहीं भेजा जायेगा. शराब पीकर गिरफ्तार हुआ आदमी अगर ये बता देता है कि उसने शराब कहां से और किससे खरीदी थी तो सरकार उसे जेल नहीं भेजेगी. वैसे  सरकारी अमले से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक शराब मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त तेवर से सत्ता में बैठे लोग सकते में हैं, लिहाजा आनन फानन में नियम-कायदे बदलने के एलान किये जा रहे हैं।

सरकार का एलान

बिहार सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से आज बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इसका एलान किया गया. मद्य निषेध विभाग के आयुक्त कृष्ण कुमार ने मीडिया को बताया कि अगर शराब पीने वाला कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे रियायत दी जायेगी. अगर गिरफ्तार होने के बाद अगर वह ये बता देता है कि उसने शराब कहां से लाया है तो उस ठिकाने पर छापेमारी होगी. अगर उस छापेमारी में शराब बेचने वाला पकड़ा जाता है तो शराब पीकर गिरफ्तार हुए व्यक्ति को छूट दी जायेगी।

गौर से पढ़िये सरकार क्या कह रही है

सरकार ये कह रही है कि शराब पीने वाले की सूचना पर अगर बेचने वाला पकड़ा जाये तो सरकार छूट देगी. शराब कारोबारी की गिरफ्तारी के बाद शराब पीने वाले को जेल नहीं भेजा जायेगा. यानि अगर शराब पीने वाले ने बेचने वाले का नाम पता बताया और उसके बाद भी कारोबारी गिरफ्तार नहीं हुआ तो राहत नहीं मिलेगी।

जानिये क्यों लिया गया ये फैसला

ये फैसला क्यों लिया गया इसकी जानकारी भी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने ही दे दी. विभाग के आय़ुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि सरकार ने करीब चार लाख लोगों को शराब पीने के आरोप में जेल भेज दिया है. अब सरकार चाहती है कि उन्हें सजा नहीं सुधार का मौका दिया जाये. जो शराब बेच रहा है उसे सरकार गिरफ्तार करना चाहती है, शराब पीने वालों को नहीं. समाज सुधार के लिए सरकार ने ये नया फैसला लिया है जो अभी से ही अमल में आ जायेगा।

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