रूस जैसे बड़े और ताकतवर देश के हमले के बावजूद यूक्रेन झुकने का नाम नहीं ले रहा है. यूक्रेन का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं. इस पूरे फैसले में सबसे बड़ा नाम यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का है, जो लगातार अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहे हैं और मदद के लिए अलग-अलग देशों से बात कर रहे हैं.
अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की खुद युद्ध के मोर्चे पर पहुंच चुके हैं. राष्ट्रपति उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जहां रूसी सेना ने हमले किए हैं. जेलेंस्की की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. जिनमें वो किसी सैनिक की तरह नजर आ रहे हैं.
जेलेंस्की ने सेना की ही पोशाक पहनी है और जवानों के बीच हालात का जायजा लेते नजर आ रहे हैं. इस दौरान राष्ट्रपति ने देश के सैनिकों का हौसला बढ़ाया और रूस को कड़ा जवाब देने की कोशिश की.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने हमले के ठीक बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी फोन पर बातचीत की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी देश रूस के खिलाफ आगे आएं.
इसी बीच अब नाटो की तरफ से रूस को कड़ी चेतावनी दी गई है. नाटो ने यूक्रेन पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, रूस की सेना को तुरंत प्रभाव से यूक्रेन को छोड़ देना चाहिए.
नाटो के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टॉल्टेंबर्ग ने कहा कि, यूक्रेन पर रूस अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है. रूस की ये कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है. नाटो ने यहां तक चेतावनी दी है कि अगर रूस ने सैन्य कार्रवाई को नहीं रोका तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
रूस को चेतावनी देते हुए नाटो ने कहा कि, हमारे पास करीब 100 से ज्यादा जेट्स एयर स्पेस की सुरक्षा के लिए हाई अलर्ट पर हैं और करीब 120 शिप भी समुद्र में तैनात हैं.