भागलपुर। शिक्षा विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकारी विद्यालयों के बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने महालेखाकार, पटना को पत्र लिखकर राज्य भर के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के लंबित बिलों के भुगतान के लिए 28.30 करोड़ रुपए की एकमुश्त स्वीकृति और राशि जारी करने का अनुरोध किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भागलपुर जिले के करीब दो हजार प्राथमिक, मध्य, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों पर कुल 80.10 लाख रुपए का बकाया बिजली बिल दर्ज हुआ है। इसमें कक्षा एक से आठ तक के प्रारंभिक विद्यालयों का बिल 48.58 लाख और कक्षा आठ से 12वीं तक के माध्यमिक विद्यालयों का बिल 31.52 लाख रुपए है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बिल भुगतान की निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी स्कूल का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। विभाग ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से आग्रह किया है कि विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को कनेक्शन काटने की धमकी न दी जाए। यदि किसी भी प्रकार की बिजली कटौती होती है, तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी के प्रबंध निदेशक की होगी।
जिला शिक्षा कार्यालय के डीपीओ स्थापना अमरेंद्र पांडेय ने बताया कि हर वर्ष विभागीय स्तर से बिजली बिल का भुगतान किया जाता है। भुगतान के बाद विद्यालय प्रधानों को बिल का एनओसी जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना अनिवार्य होगा। इसके आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यालय का कनेक्शन बाधित नहीं हुआ है। साथ ही बिजली कंपनी को भी अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को स्कूलों के कनेक्शन नहीं काटने संबंधी निर्देश जारी करने होंगे।
इधर, शहरी क्षेत्र के कई स्कूलों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के कारण प्रीपेड बिलिंग व्यवस्था लागू है। प्रधानाध्यापकों ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले कुछ स्कूलों का कनेक्शन प्रीपेड मीटर में बैलेंस नहीं होने पर काट दिया गया था। बाद में बिजली कंपनी को आवेदन देकर पुनः कनेक्शन बहाल कराया गया। शिक्षकों ने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यालयों को बिजली खर्च के लिए अलग से राशि आवंटित नहीं की जाती। बिजली कंपनी के पास सभी स्कूलों के प्रीपेड मीटर का पूरा रीडिंग रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है, उसी के आधार पर बिल निर्धारण और भुगतान की प्रक्रिया संचालित की जा रही है।
शिक्षा विभाग द्वारा एकमुश्त भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने से स्कूलों को असुविधा से राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
