सहरसा जिले के नौहट्टा प्रखंड के डरहार पंचायत में सोमवार दोपहर अचानक लगी आग से बड़ा हादसा हो गया। वार्ड संख्या 9 में दोपहर लगभग 1 बजे के आसपास भयानक आग भड़क उठी, जिसने कुछ ही मिनटों में कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि लोग संभल भी नहीं पाए और देखते ही देखते पूरा इलाका धुएं और लपटों से भर गया।

 

स्थानीय सूत्रों के अनुसार आग की शुरुआत किसी घर के पीछे के हिस्से से हुई और तेज हवा के कारण फैलते हुए उसने करीब आधा दर्जन से अधिक घरों को घेर लिया। इस अग्निकांड में कलीमुद्दीन शेख, सैदुल रैन, जुबैर, महबूब आलम, नासिर शेख और सहादत अली के घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। इन परिवारों का वर्षों की मेहनत से जुटाया गया सामान कुछ ही पलों में राख में तब्दील हो गया।

 

ग्रामीणों ने बताया कि जब तक आग बुझाने के साधन जुटाए जाते, लपटें विकराल रूप ले चुकी थीं। अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन तब तक हालात बिगड़ चुके थे। स्थानीय लोगों ने डटकर मुकाबला किया और बाल्टी, बर्तन, मोटर पंप, हैंडपंप आदि की मदद से आग को नियंत्रित करने की हर संभव कोशिश की। कई ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर जलते घरों के पास पहुंचकर आग को काबू करने में मदद की। काफी मशक्कत के बाद आग को रोका जा सका, लेकिन तब तक लाखों रुपये की संपत्ति जल चुकी थी।

 

इस घटना में अनाज, कपड़े, फर्नीचर, बिस्तर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बच्चों की किताबें और घरों के जरूरी कागजात सहित लगभग पूरा घरेलू सामान नष्ट हो गया। कई परिवारों के पास अब केवल तन पर कपड़े ही बचे हैं। आग इतनी तेज थी कि लोग अपने घरों से कुछ भी बचाने में असमर्थ रहे।

 

सौभाग्य से इस भयंकर अग्निकांड में किसी के हताहत या घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि, घटना के बाद कई परिवार पूरी तरह बेघर हो गए हैं और खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए हालात और भी मुश्किल बन गए हैं। रात कटाने की समस्या के साथ-साथ खाने-पीने और पहनने के लिए भी उनके सामने संकट खड़ा हो गया है।

 

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। ग्रामीणों ने आग से प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत सामग्री, भोजन, कपड़े और अस्थायी आवास उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके साथ ही सभी पीड़ित परिवारों को सरकारी मुआवजा शीघ्र देने की अपील भी की है। प्रशासन द्वारा जल्द ही नुकसान का आकलन कर पीड़ितों की सहायता शुरू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।

 

अग्निकांड की यह दुखद घटना ग्रामीण इलाके में सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था की कमी को एक बार फिर उजागर करती है। ग्रामीणों ने ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की मांग की है।

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