नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने *8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission)* के *टर्म्स ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference)* को मंजूरी दे दी है। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन से संबंधित सिफारिशें करेगा।
सरकार के इस फैसले से करीब **50 लाख केंद्रीय कर्मचारी** और **69 लाख पेंशनभोगी** लाभान्वित होंगे। आयोग का गठन जनवरी 2025 में किया गया था, और अब इसे औपचारिक रूप से कार्य आरंभ करने की अनुमति मिल गई है।
**18 महीनों के भीतर देगा अपनी सिफारिशें**
सूत्रों के मुताबिक, 8वां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय के रूप में कार्य करेगा। इसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। आयोग को अपने गठन की तारीख से **18 महीनों के भीतर अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत करनी होंगी**। आवश्यकता पड़ने पर यह एक अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है ताकि सरकार कुछ सिफारिशों को पहले लागू कर सके।
वेतन आयोग अपनी सिफारिशों में देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति, राजकोषीय विवेक और कर्मचारियों के जीवन-स्तर जैसे पहलुओं को ध्यान में रखेगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि वेतन और पेंशन सुधारों से सरकारी खर्चों पर असंतुलित दबाव न पड़े।
**1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना**
परंपरागत रूप से, हर दस साल के अंतराल में वेतन आयोग गठित किए जाते हैं। पिछले यानी *7वें वेतन आयोग* का गठन फरवरी 2014 में मनमोहन सिंह सरकार ने किया था, जिसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इस हिसाब से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें **1 जनवरी 2026 से प्रभावी** हो सकती हैं।
आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के **वेतन संरचना, भत्तों, ग्रेच्युटी, पेंशन और अन्य लाभों** में संभावित बदलावों की जांच करेगा। इसके अलावा यह **फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)** तय करेगा, जिसके आधार पर कर्मचारियों के बेसिक पे में बढ़ोतरी की जाती है।
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है जिसके ज़रिए पुराने बेसिक पे को नए वेतनमान में बदला जाता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 गुना तय किया गया था। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में यह 3.0 से अधिक तक बढ़ सकता है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय इज़ाफा हो सकता है।
**सरकार की मंशा और कर्मचारियों की उम्मीदें**
केंद्रीय कर्मचारियों में लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की घोषणा की मांग उठ रही थी। कर्मचारियों के संगठनों का कहना था कि महंगाई दर लगातार बढ़ने से 7वें वेतन आयोग का ढांचा अब व्यवहारिक नहीं रह गया है। ऐसे में यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार चाहती है कि आयोग की सिफारिशें व्यावहारिक और टिकाऊ हों ताकि आने वाले वर्षों में वेतन और पेंशन ढांचा स्थिर बना रहे।
फिलहाल, 8वें वेतन आयोग के गठन और टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मिलने के साथ ही करोड़ों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब सभी की निगाहें आयोग की सिफारिशों पर हैं, जो तय करेंगी कि 2026 से सरकारी कर्मचारियों की जेब में कितना इज़ाफा होगा।
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