पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है और इसे सभी राजनीतिक दलों को सौंपा जा चुका है। इस बार चुनाव आयोग ने पारदर्शिता और तकनीकी सुदृढ़ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि “SIR (Summary Intensive Revision)” प्रक्रिया के बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जिसमें पात्रता परीक्षण के बाद सभी संशोधन पूरे कर लिए गए। उन्होंने बताया कि अगर किसी मतदाता का नाम गलती से छूट गया है या किसी विवरण में त्रुटि रह गई है, तो वह व्यक्ति जिलाधिकारी के पास अपील दायर कर सकता है। इसके अलावा, कोई भी मतदाता नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकता है।
‘सभी राजनीतिक दलों को दी गई फाइनल लिस्ट’
CEC ने बताया कि 1 सितंबर तक क्लेम एंड ऑब्जेक्शन का पीरियड रखा गया था। इस दौरान किसी भी मतदाता, राजनीतिक दल या उनके बूथ लेवल एजेंट को सुझाव और आपत्ति देने का पूरा अवसर दिया गया।
> “सभी राजनीतिक दलों को फाइनल लिस्ट सौंप दी गई है। अब यह सूची ही चुनाव का आधार बनेगी। अगर किसी का नाम रह गया हो तो उसके लिए अपील की प्रक्रिया खुली है।”
> — ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त
नामांकन और अधिसूचना की पूरी रूपरेखा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दोनों चरणों के लिए नामांकन और मतदान की तारीखों का विस्तृत ब्यौरा भी साझा किया —
पहला चरण:
अधिसूचना जारी — 10 अक्टूबर
नामांकन की आखिरी तिथि — 17 अक्टूबर
स्क्रूटनी — 18 अक्टूबर
नाम वापसी — 20 अक्टूबर
मतदान — 6 नवंबर
दूसरा चरण:
अधिसूचना जारी — 13 अक्टूबर
नामांकन की आखिरी तिथि — 20 अक्टूबर
स्क्रूटनी — 21 अक्टूबर
नाम वापसी — 23 अक्टूबर
मतदान — 11 नवंबर
वहीं, दोनों चरणों की मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
‘100% बूथों पर होगी वेब कास्टिंग’
इस बार चुनाव आयोग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यह घोषणा की कि राज्य के सभी बूथों पर वेब कास्टिंग की जाएगी। पहले यह सुविधा केवल 50% बूथों पर ही होती थी।
> “अब हर पोलिंग स्टेशन पर वेब कास्टिंग की जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या धांधली की संभावना समाप्त हो सके। आयोग का लक्ष्य पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।”
> — ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त
प्रत्याशियों की तस्वीर होगी ईवीएम पर
चुनाव आयोग ने एक और अहम सुधार किया है — अब ईवीएम में प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें लगाई जाएंगी, ताकि मतदाताओं को अपने उम्मीदवार की पहचान में आसानी हो। इससे फर्जीवाड़े की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
पोस्टल बैलेट गिनती के नियम में बदलाव
राजनीतिक दलों की मांग को ध्यान में रखते हुए पोस्टल बैलेट की गिनती का क्रम बदला गया है। अब ईवीएम की गिनती के अंतिम दो राउंड से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी कर ली जाएगी।
> “यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि गिनती की प्रक्रिया समयबद्ध और पारदर्शी रहे तथा नतीजों की घोषणा में किसी तरह की देरी न हो।”
पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर
CEC ने कहा कि इस बार का बिहार चुनाव देश के लिए एक “मॉडल इलेक्शन सिस्टम” साबित होगा। उन्होंने कहा —
> “22 साल बाद बिहार की मतदाता सूची का व्यापक शुद्धिकरण हुआ है। अब एक भी फर्जी नाम या डुप्लिकेट एंट्री नहीं बचेगी। हमारा लक्ष्य है कि बिहार का चुनाव मॉडल पूरे देश में लागू हो।”
मतदाताओं के लिए हेल्पलाइन
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मतदाता किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कॉल कर सकते हैं। इस हेल्पलाइन पर रजिस्ट्रेशन से लेकर बूथ की जानकारी तक सब कुछ उपलब्ध रहेगा।
निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह तैयार है। फाइनल वोटर लिस्ट, नामांकन की तारीखें, 100% वेब कास्टिंग और नई तकनीकी व्यवस्थाओं के साथ इस बार का चुनाव अब तक का सबसे पारदर्शी और आधुनिक चुनाव बनने जा रहा है।
“बिहार का चुनाव अब पूरे देश के लिए आदर्श बनकर उभरेगा।” — मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
