राज्य सरकार के **सुशासन के कार्यक्रम (2015-20)** एवं **सात निश्चय** में शामिल “**आर्थिक हल, युवाओं को बल**” के तहत संचालित **मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना** का पुनर्गठित स्वरूप शनिवार को प्रधानमंत्री **नरेन्द्र मोदी** के कर-कमलों से लॉन्च किया गया। यह शुभारंभ राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम **ऊर्जा ऑडिटोरियम, पटना** में आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री **नीतीश कुमार** ने की। कार्यक्रम में राज्य के सभी जिलों को वेबकास्टिंग के माध्यम से जोड़ा गया।

सहरसा जिले में इसका जिला स्तरीय आयोजन **जवाहर विकास भवन, सहरसा** के सभागार में किया गया, जिसकी अध्यक्षता **उप विकास आयुक्त श्री संजय कुमार निराला** ने की। मौके पर **जिला योजना पदाधिकारी विशाल राघव**, **जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) सहरसा के प्रबंधक डॉ. राजीव रंजन**, **सहायक प्रबंधक अरविंद कुमार तिवारी** समेत डीआरसीसी के अन्य कर्मी, अधिकारियों तथा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 

**मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना** का प्रारंभ 2 अक्टूबर 2016 को किया गया था। इस योजना के तहत बिहार राज्य के **20 से 25 वर्ष आयु वर्ग** के ऐसे **12वीं उत्तीर्ण बेरोजगार युवक-युवतियां**, जो आगे की पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और न ही किसी सरकारी या निजी नौकरी में हैं, उन्हें **रोजगार तलाशने के दौरान प्रति माह ₹1000** की सहायता अधिकतम दो वर्षों तक दी जाती है।

 

राज्य सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाते हुए **सात निश्चय-2** के अंतर्गत **वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26** तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब **स्नातक उत्तीर्ण (कला, विज्ञान एवं वाणिज्य)** बेरोजगार युवक-युवतियों को भी योजना में शामिल किया गया है। यानी अब 20 से 25 वर्ष की आयु के वे स्नातक, जो किसी भी प्रकार के रोजगार या अध्ययन में नहीं हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

 

योजना के तहत लाभुकों को **रोजगार एवं स्वरोजगार** के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से **श्रम संसाधन विभाग, बिहार** द्वारा **निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण** भी प्रदान किया जाएगा, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें।

 

वर्तमान वित्तीय वर्ष में **स्नातक उत्तीर्ण लाभुकों की संभावित संख्या लगभग पाँच लाख** बताई गई है, जिस पर सरकार द्वारा **कुल ₹300 करोड़** की राशि व्यय किए जाने का अनुमान है।

 

सहरसा जिले में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभिन्न महाविद्यालयों, जैसे **राजकीय पॉलिटेक्निक, सहरसा अभियंत्रण महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई)** तथा कई अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी अपने-अपने संस्थान में वेबकास्टिंग के माध्यम से जुड़कर कार्यक्रम देखा और योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त की।

 

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि यह योजना युवाओं को आर्थिक संबल देने के साथ-साथ रोजगार सृजन की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य का कोई भी युवा बेरोजगारी के कारण पीछे न रहे और अपने दम पर आत्मनिर्भर बन सके।

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