सहरसा जिले के सोनवर्षा कचहरी थाना क्षेत्र स्थित दुर्गा मेला में शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई। मेले में दुकान लगाने आई एक महिला दुकानदार पर फरसा से हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया। घटना के बाद मेला में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जख्मी महिला की पहचान खड़गपुर निवासी सुलेखा देवी के रूप में की गई है। परिजन और स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें लहूलुहान अवस्था में सहरसा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज जारी है।
दुकान हटाने को लेकर विवाद
पीड़िता सुलेखा देवी ने बताया कि वह हर साल की तरह इस बार भी दुर्गा मेला में खिलौने और श्रृंगार का सामान बेचने के लिए दुकान लगाई थीं। शुक्रवार को भी वह दुकानदारी कर रही थीं कि बगल में दुकान लगाने वाले अनिल साह और उसके परिवार के साथ दुकान की जगह को लेकर विवाद शुरू हो गया। पहले कहा-सुनी हुई, लेकिन थोड़ी देर में मामला इतना बढ़ गया कि अनिल साह का भाई सुनिल साह फरसा लेकर आ धमका और उन पर हमला कर दिया।
पीड़िता के मुताबिक, जब उन्होंने हमले से बचने के लिए सिर नीचे झुकाया, तो फरसा सीधा उनके चेहरे पर जा लगा। इससे उनका नाक बुरी तरह फट गया और दो दांत टूट गए। खून की धार बहने लगी और वह मौके पर ही जमीन पर गिर पड़ीं।
परिवार पर भी गंभीर आरोप
सुलेखा देवी ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान अनिल साह के बेटे ने उनकी दुकानदारी का पैसा उठा लिया, जबकि उसकी पत्नी ने उनके कान से सोने की बाली खींच ली। महिला के मुताबिक, हमला पहले से साजिश के तहत किया गया था ताकि उन्हें डराकर दुकान हटाया जा सके और उनकी मेहनत की कमाई भी छीन ली जाए।
लोगों में रोष और प्रशासन पर सवाल
घटना के बाद मेले में मौजूद लोग भी दहशत में आ गए। परिजनों का कहना है कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े अवसर पर जहां हजारों की संख्या में लोग मेले में आते हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक साफ दिखाई दी। मेला क्षेत्र में पुलिस गश्ती की मौजूदगी के बावजूद हमलावरों ने खुलेआम फरसा से वार किया और लूटपाट तक की घटना को अंजाम दे डाला।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी परिवार पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस जांच में जुटी
उधर, घटना की सूचना मिलने के बाद सोनवर्षा कचहरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि घायल महिला का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। पीड़िता के बयान और परिजनों के लिखित आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
सहरसा दुर्गा मेला की इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि त्योहारों पर आयोजित मेलों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। जहां महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, वहां खुलेआम फरसा चलना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। पीड़िता सुलेखा देवी अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं, जबकि उनका परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।
