सहरसा। बिहार सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार’ अभियान की शुरुआत मंगलवार को सहरसा के मॉडल अस्पताल ओपीडी परिसर से की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक आलोक कुमार झा, सिविल सर्जन, अस्पताल प्रबंधक शिल्पी चौधरी और डीपीएम विनय रंजन ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। यह विशेष स्वास्थ्य अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा और जिले की महिलाओं व परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराएगा।

 

अभियान के तहत महिलाओं को चिकित्सकीय जांच, टीकाकरण, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कार्ड निर्माण, आभा आईडी पंजीकरण और विभिन्न बीमारियों की जांच व उपचार की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। इसके लिए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर शिविर लगाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक महिलाएँ इन सेवाओं का लाभ उठा सकें। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अभियान का उद्देश्य महिलाओं को समय पर इलाज उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना है।

 

कार्यक्रम के दौरान विधायक आलोक कुमार झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर इस सेवा पखवाड़े का शुभारंभ होना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में मददगार होगी। साथ ही, उन्होंने सहरसा सदर अस्पताल की आधुनिक सुविधाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि यहाँ लगभग 64 प्रकार की जांचें निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों का ही उपयोग करें और योजनाओं का लाभ उठाएँ।

 

विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि सरकार लगातार महिलाओं, बच्चों और परिवारों के स्वास्थ्य को लेकर योजनाएँ बना रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस अभियान से हजारों महिलाओं और परिवारों को राहत मिलेगी। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएँ समय पर जांच और उपचार प्राप्त कर सकेंगी।

 

सिविल सर्जन ने बताया कि अभियान के तहत विशेष टीमों का गठन कर चिकित्सकीय सेवाएँ प्रदान की जाएंगी। अस्पताल प्रबंधक शिल्पी चौधरी ने कहा कि सभी चिकित्सा स्टाफ को सेवाओं के विस्तार के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि अभियान सुचारु रूप से चल सके। डीपीएम विनय रंजन ने कहा कि आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी पंजीकरण से महिलाएँ स्वास्थ्य सेवाओं से सीधे जुड़ सकेंगी।

 

इस अभियान से न केवल महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी, बल्कि जागरूकता बढ़ेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सकेगा। सहरसा में अभियान की शुरुआत से लोगों में उत्साह है और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ने की उम्मीद जगी है।

 

 

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