भागलपुर। इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के मधंत टोला निवासी बनारसी मंडल ने हाईकोर्ट के आदेश की प्रति इस्माइलपुर अंचलाधिकारी (सीओ) को सौंपते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बची हुई पांच लाख रुपये की राशि देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनके दो पुत्र बुल्लभ कुमार उर्फ बल्ला कुमार और रूपेश कुमार की मृत्यु 28 अगस्त 2014 को बाढ़ के पानी में डूबने से हो गई थी। इस घटना के बाद इस्माइलपुर थाना में यूडी केस दर्ज हुआ था और दोनों पुत्रों के शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया था।
बनारसी मंडल ने बताया कि घटना के बाद आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मृतक प्रति पुत्र चार लाख रुपये के हिसाब से कुल आठ लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस्माइलपुर सीओ ने उन्हें मात्र तीन लाख रुपये की राशि का भुगतान किया और यह आश्वासन दिया कि शेष पांच लाख रुपये बाद में दिए जाएंगे। लेकिन कई बार सक्षम पदाधिकारी और विभागीय कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत बची हुई पांच लाख रुपये की राशि का भुगतान याचिकाकर्ता को किया जाए। इसके आलोक में याचिकाकर्ता बनारसी मंडल ने आदेश की प्रमाणित प्रति इस्माइलपुर सीओ को सौंप कर शीघ्र राशि भुगतान की मांग की है ताकि उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने में मदद मिल सके।
बनारसी मंडल ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है और दोनों पुत्रों की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी अकेले उनके ऊपर आ गई। बाढ़ में बच्चों की मौत ने उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ कर रख दिया था। ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मिलने वाली मुआवजा राशि उनके लिए अपने परिवार की गुजर-बसर और बच्चों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मददगार साबित होगी।
उन्होंने बताया कि घटना के समय भी बाढ़ का पानी पूरे इलाके में फैला हुआ था और उनका घर पानी से घिरा हुआ था। उनके दोनों पुत्र घर के बाहर गए थे, जहां पैर फिसलने से दोनों गहरे पानी में डूब गए और उनकी मौत हो गई थी। गांव वालों और परिवार के लोगों ने किसी तरह दोनों के शव को बाहर निकाला था। प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई थी और थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
इस संबंध में इस्माइलपुर सीओ का कहना है कि आदेश की प्रति प्राप्त हुई है। उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान किया जाएगा और जल्द से जल्द आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शेष राशि के भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संबंधित कागजात का सत्यापन कर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है ताकि पीड़ित परिवार को राहत राशि का भुगतान शीघ्र हो सके।
बनारसी मंडल ने कहा कि यदि जल्द उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया तो वह पुनः न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब वर्षों से लंबित उनकी समस्या का समाधान होगा और उन्हें न्याय मिलेगा।
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