जलस्तरजलस्तर

गोपालपुर:
गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को 12 घंटे के भीतर मात्र तीन सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे जल संसाधन विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। पिछले कुछ दिनों से गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और आम जनता भी चिंतित थी। मगर गुरुवार को जलस्तर में मामूली वृद्धि ने कुछ राहत पहुंचाई है।

जलस्तर
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जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि कोसी नदी के तटबंध पर जहां-जहां erosion यानी कटाव की संभावना थी, वहां एप्रोन, स्लोप व बोल्डर क्रेटिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इससे संभावित बाढ़ के खतरों को काफी हद तक टाला जा सकता है। विभाग के अनुसार, स्पर संख्या सात व आठ के बीच 142 मीटर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त तटबंध पर केंद्र सरकार की सहायता से स्लोप निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है ताकि बारिश के दौरान कोई आपात स्थिति उत्पन्न न हो।

स्पर संख्या आठ के नोज पर एप्रोन का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही स्लोप पर बोल्डर क्रेटिंग का कार्य भी प्रगति पर है। अधिकारियों ने बताया कि स्पर के पहले स्लोप का कार्य पूरा होते ही दूसरे स्लोप पर बोल्डर क्रेटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इन प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में तटबंध की मजबूती बनी रहे और किसी प्रकार की दरार या कटाव न हो।

जल संसाधन विभाग की ओर से यह भी बताया गया कि कटाव प्रभावित गांवों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। ग्रामीणों को बार-बार सचेत किया जा रहा है कि वे सतर्क रहें और विभाग द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। विभाग की टीम दिन-रात तटबंधों की निगरानी कर रही है ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।

रिपोर्ट के अनुसार, स्पर संख्या आठ से सटे बिंद टोली गांव के समीप कार्य का अंतिम चरण चल रहा है। वहां सुरक्षा हेतु बोल्डर फेंकने और कटाव निरोधक दीवार के निर्माण का कार्य तेज कर दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले नदी की धारा तेजी से गांव की ओर मुड़ रही थी, जिससे बाढ़ और भूमि कटाव का खतरा था, लेकिन अब कार्य होते देखकर उन्हें काफी राहत मिली है।

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय, नवगछिया के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार ने जानकारी दी कि विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है और हर हाल में 30 जून तक कटाव प्रभावित प्वाइंट पर सभी निर्माण कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक अधिकांश जरूरी स्थानों पर कार्य पूरा हो चुका है और जो कुछ स्थान बचे हैं, वहां भी तेजी से काम किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोसी और गंगा नदी का जलस्तर बरसात के मौसम में लगातार बढ़ता है, जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। गोपालपुर अनुमंडल अंतर्गत आने वाले कई पंचायत हर वर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इस बार पहले से ही बाढ़ नियंत्रण से जुड़े निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे आपदा प्रबंधन बेहतर किया जा सके।

स्थानीय प्रशासन के अनुसार, ग्रामीणों के सहयोग और विभाग की तत्परता से अब तक कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। यदि इसी प्रकार कार्य होता रहा और मौसम का भी सहयोग मिला तो इस वर्ष बाढ़ से होने वाले नुकसान में कमी आ सकती है। फिर भी प्रशासन अलर्ट मोड में है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।

निष्कर्षतः, गुरुवार को जलस्तर में केवल तीन सेंटीमीटर की वृद्धि और तटबंधों पर हो रहे सुदृढ़ीकरण कार्यों से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन की सक्रियता और विभाग की तत्परता ने बाढ़ के खतरे को काफी हद तक कम किया है। यदि निर्माण कार्य समय से पूर्ण हो गया तो आने वाले दिनों में तटवर्ती गांवों के लोगों को राहत मिल सकती है।

 

 

 

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